सिटी डीएसपी ने बताया कि अनूप ने ही परीक्षार्थियों की कान के अंदर लगाने वाला ब्लूटूथ हियरिंग डिवाइस तैयार किया है. कान में डाले जाने के बाद इस डिवाइस नंगी आंखों से देख पाना लगभग नामुमकिन है. टाॅर्च की रोशनी में कभी-कभी ही दिखाई पड़ता. इस डिवाइस को निकालने के लिए चुंबक की मदद ली जाती है. चुंबक नहीं रहने के कारण पुलिस ने डॉक्टर की मदद ली और पकड़े गये परीक्षार्थियों की कान से ब्लूटूथ हियरिंग डिवाइस को निकाला गया. पुलिस ने सभी आरोपियों को सोमवार को जेल भेज दिया. प्रेस वार्ता में लोअर बाजार थाना प्रभारी सुमन कुमार सिन्हा और दारोगा मोहन कुमार भी मौजूद थे.
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शिकंजे में मुन्ना भाई: आरआइबी की परीक्षा में नकल करने और करानेवाले गये जेल, बीएसएनएल का जूनियर टेक्निकल अफसर है नकल करानेवाले गिरोह का मास्टरमाइंड
रांची पुलिस ने रविवार को इंडियन रिजर्व बटालियन(आइअारबी) के दूसरे चरण की परीक्षा में हाइटेक तरीके से नकल करने के आरोप में कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें तीन परीक्षार्थी हैं, जिन्हें लोअर बाजार थाना की पुलिस ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों से पकड़ा गया है. जबकि, चार नकल करानेवाले गिरोह के सदस्य हैं. […]
रांची पुलिस ने रविवार को इंडियन रिजर्व बटालियन(आइअारबी) के दूसरे चरण की परीक्षा में हाइटेक तरीके से नकल करने के आरोप में कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें तीन परीक्षार्थी हैं, जिन्हें लोअर बाजार थाना की पुलिस ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों से पकड़ा गया है. जबकि, चार नकल करानेवाले गिरोह के सदस्य हैं. ये लोग परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र को बटन कैमरा की मदद से लीक कराते थे. वहीं, गिरफ्तार किया गया एक व्यक्ति नकल कराने का मास्टरमाइंड है. उसका नाम अनूप कुमार उर्फ आदित्य कुमार है. वह पटना के राजेंद्र नगर स्थित बीएसएनएल ऑफिस में जूनियर टेक्निकल अफसर (जेटीओ) के पद पर कार्यरत है. यह जानकारी सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता ने लोअर बाजार थाना में सोमवार को प्रेस वार्ता में दी.
रांची: सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता ने पत्रकारों को बताया कि नकल करानेवाले गिरोह का मास्टरमाइंड अनूप कुमार विकलांग है. वह पटना के लोहियानगर स्थित हनुमान नगर की हाउसिंग कॉलोनी में मकान नंबर-10/115 में रहता है. पुलिस ने उसके पास से 11 मोबाइल फोन, 29400 रुपये, छह एटीएम कार्ड और पैन कार्ड बरामद किया है.
सिटी डीएसपी ने बताया कि अनूप ने ही परीक्षार्थियों की कान के अंदर लगाने वाला ब्लूटूथ हियरिंग डिवाइस तैयार किया है. कान में डाले जाने के बाद इस डिवाइस नंगी आंखों से देख पाना लगभग नामुमकिन है. टाॅर्च की रोशनी में कभी-कभी ही दिखाई पड़ता. इस डिवाइस को निकालने के लिए चुंबक की मदद ली जाती है. चुंबक नहीं रहने के कारण पुलिस ने डॉक्टर की मदद ली और पकड़े गये परीक्षार्थियों की कान से ब्लूटूथ हियरिंग डिवाइस को निकाला गया. पुलिस ने सभी आरोपियों को सोमवार को जेल भेज दिया. प्रेस वार्ता में लोअर बाजार थाना प्रभारी सुमन कुमार सिन्हा और दारोगा मोहन कुमार भी मौजूद थे.
बटन कैमरा से लीक होता था प्रश्न पत्र : सिटी डीएसपी ने बताया कि गिरोह में शामिल सदस्य परीक्षार्थी बनकर कर परीक्षा केंद्र में बैठते थे. प्रश्न पत्र के ए, बी, सी आैर डी सेट के प्रश्न पत्र का फोटो खींचकर ये लोग कंट्रोल रूम में बैठे गिरोह के सदस्यों को भेजते थे. गिराेह में कई मेधावी छात्र बैठे रहते थे, जो प्रश्न पत्र के चारों सेट के उत्तर परीक्षार्थियों को ब्लूटूथ हियरिंग डिवाइस के माध्यम से बताते थे. गिरोह के मास्टरमाइंड नाम के आधार पर यह भी करकुलेशन कर लेते थे कि इस नाम के परीक्षार्थी के पास कौन सा सेट आयेगा़.
स्पेशल बनियान पूरी तरह तार से है लैस : नकल के लिए स्पेशल बनियान तैयार करायी गयी थी. यह पूरी तरह तार से लैस है. तार मोबाइल व ब्लू टूथ से जुड़ा रहता है. शर्ट के बटन में माइक्रो माइक भी लगा होता था, जिससे किसी प्रश्न के उत्तर में शंका होने पर कंट्रोल रूम में बैठे एक्सपर्ट से पूछा जा सके. बेल्ट के पास एक डिवाइस छिपाया जाता था, जो चेक करने पर पता नहीं चल पाता था क्योंकि वह बेल्ट के बकलस के नीचे छिप जाता था. वह डिवाइस बनियान में छिपे मोबाइल फोन से जुड़ा होता था और आराम से उत्तर बताया जाता था.
रांची में 200 नकल करनेवालों की मिली जानकारी
सिटी डीएसपी ने सरगना से पूछताछ की. उसने पुलिस को बताया कि दोनों पाली में विभिन्न सेंटर में 200 परीक्षार्थी इस गिराेह के थे. लेकिन, पूछताछ में देर हो जाने के कारण वे लोग निकल गये. डीएसपी के अनुसार अधिकतर परीक्षार्थी बिहार के थे. स्काॅलर के माध्यम से वे गिराेह के संपर्क में आये थे. उसके बाद 25 से 30 हजार रुपये देने पर उन्हें सारा डिवाइस उपलब्ध कराया गया था.
बकाया रुपये वसूलने के लिए रख लेते थे मूल प्रमाण पत्र
सिटी डीएसपी ने बताया कि परीक्षा में पास कराने के लिए एक परीक्षार्थी से ढाई लाख रुपये में सौदा तय हुआ था. पहली किस्त के रूप में 25 से 30 हजार रुपये लिये गये थे और उन्हें सारा डिवाइस दे दिया गया था. शेष रुपये की वसूली के लिए गिरोह ने परीक्षार्थियों का मूल प्रमाण पत्र रख लिया था. परीक्षा में पास होते ही उनसे शेष रुपये लेकर मूल प्रमाण पत्र लौटा देने की शर्त रखी गयी थी.
हमें गुप्त सूचना मिली थी कि मेन रोड स्थित होटल पर्ल में कुछ लोग ठहरे हुए हैं, जो आरआइबी परीक्षा में नकल करा रहे हैं. लोअर बाजार थाना की पुलिस ने वहां छापामारी कर सबसे पहले अनूप को गिरफ्तार किया. उसके बाद लोअर बाजार थाना क्षेत्र से सात और डोरंडा थाना क्षेत्र से एक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अभी कई बिंदुओं पर अनुसंधान बाकी है. इसके लिए अनूप कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी.
राजकुमार मेहता, सिटी डीएसपी
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