रांची: कवयित्री अनिता वर्मा को इस वर्ष का शैलप्रिया स्मृति सम्मान दिया गया. यह सम्मान जाने-माने लेखक आलोक धन्वा ने प्रदान किया. उन्हें सम्मान स्वरूप मान पत्र, सम्मान राशि के साथ-साथ शॉल ओढ़ाया गया. श्रीमती वर्मा को रविवार को मारवाड़ी कॉलेज सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सम्मान दिया गया. वहीं, स्व शैल प्रिया की कृति अर्द्धवृत्त: शैलप्रिया सृजन समग्र पुस्तिका का भी लोकार्पण हुआ.
साहित्यकार डॉ श्रवण कुमार गोस्वामी, कुलदीप सिंह दीपक, डॉ माया प्रसाद, डॉ ऋता शुक्ल, आशोक पागल, बैजनाथ मिश्र व उदय वर्मा ने सामूहिक रूप से पुस्तिका का लोकार्पण किया. मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आलोक धन्वा ने कहा कि शैलप्रिया अपनी कविता के जरिये आज भी हमारे अंदर जीवित हैं. 48 वर्षों की उम्र में एक लेखिका हमारे बीच से चली गयीं. उन्हें किस तरह से अपने बीच रखें यह हम सभी पर निर्भर करता है. उन्होंने कवयित्री अनिता वर्मा की कविता की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि कविता एक मानवश्रम व मानव मस्तिष्क का एक समुच्चय है, जो अनिता की कविताओं में दिखता है.
वहीं, विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद साहित्यकार डॉ शिव शंकर मिश्र ने कहा कि कविता तोड़ने का नहीं, बल्कि जोड़ने का काम करती है. वे ना समझ लोग हैं, जो कविताओं को गंभीरता से नहीं लेते हैं. साहित्य को बाजार में न लाया जाये. अनिता की कविता बाजार के विरुद्ध खड़ी है. उन्होंने कहा कि शैल प्रिया एक अलग व्यक्तित्व थीं. वे आज भी कविता के जरिये हमारे बीच हैं. वहीं, कवयित्री अनिता कहती हैं कि शैलप्रिया अपनी रचनाओं के साथ आज भी जीवित हैं.
मैं भले उनसे मिली नहीं, पर उनकी कविताएं बहुत कुछ कहती हैं. उनकी कविताओं में दृढ़संकल्प दिखता है. इस मौके पर उन्होंने स्वरचित कविताएं ‘एक और प्रार्थना’, ‘मेरा शहर’, ‘स्पंदन’ व ‘अपनी कक्षा’ पढ़ीं. कार्यक्रम के दौरान प्रियदर्शन ने शैल प्रिया की जीवनवृत्त की चर्चा की. साथ ही शैलप्रिया द्वारा रचित कुछ कविताओं का भी पाठ किया. मौके पर पद्मश्री व वरिष्ठ पत्रकार बलबीर दत्त, अशोक प्रियदर्शी, श्रवण कुमार गोस्वामी, ऋता शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र, माया प्रसाद, कुलदीप सिंह दीपक व उदय वर्मा ने भी अपने विचार प्रकट किये. मंच संचालन अनुराग अन्वेषी ने किया. मौके पर काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे.