रांची : साहित्य के माध्यम से राष्ट्र जागरण के उद्देश्य में रत साहित्यिक संस्था "राष्ट्रीय कवि संगम" की झारखण्ड इकाई द्वारा आज लोयला कान्वेंट स्कूल बूटी मोड़ में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं झारखंड से चुने हुए सत्तर कवियों का काव्य संकलन "काव्यभिषेक" का विमोचन समारोह आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में झारखण्ड एवं देश भर के राज्यों से आये हुये 100 से अधिक कवि और कार्यकारिणी सदस्य सम्मिलित हुए.
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राष्ट्रीय कवि संगम का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और स्मारिका विमोचन
रांची : साहित्य के माध्यम से राष्ट्र जागरण के उद्देश्य में रत साहित्यिक संस्था "राष्ट्रीय कवि संगम" की झारखण्ड इकाई द्वारा आज लोयला कान्वेंट स्कूल बूटी मोड़ में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं झारखंड से चुने हुए सत्तर कवियों का काव्य संकलन "काव्यभिषेक" का विमोचन समारोह आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में झारखण्ड एवं देश […]
समारोह का उद्घाटन श्री जगदीश मित्तल, राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा श्रीमती आशा लकड़ा, महापौर, श्री संजीव विजयवर्गीय उप महापौर, श्री सुनील खवाड़े, अध्यक्ष झारखण्ड की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया. वहीं कुलपति राँची विश्वविद्यालय डॉ. रमेश कुमार पाण्डेय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. स्वागत भाषण सीमा चंद्रिका तिवारी द्वारा किया गया. अवसर पर अपने उद्बोधन में श्री पाण्डेय ने संगम द्वारा युवा कवियों के प्रोत्साहन हेतु राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करने एवं वरिष्ठ कवियों को सम्मान देने के प्रयासों की प्रशंसा की. उन्होने कहा कि झारखण्ड के साहित्यकार हिंदी की पताका को देश भर में उन्नत रखने में सक्षम हैं.
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में स्मारिका विमोचन के पश्चात राष्ट्रीय मंत्री श्री दिनेश देवघरिया ने संपादकीय उद्बोधन किया. स्मारिका पर विमर्श में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. हरेराम त्रिपाठी चेतन, डॉ. जंग बहादुर पाण्डेय सहित अन्य साहित्यकारों ने हिस्सा लिया. इसी सत्र में वयोवृद्ध शायर ज्योति प्रसाद मिश्र उर्फ़ हैरत फरुक्खाबादी को देवघर अधिवेशन में संस्था द्वारा दिया गया "धरोहर सम्मान" प्रदान किया गया साथ ही झारखण्ड की समस्त जिला इकाइयों के अध्यक्ष और महासचिवों को उनकी उत्कृष्ट साहित्य सेवा हेतु सम्मानित किया गया.
समारोह का मुख्य आकर्षण देश भर के 12 कवियों का कवि सम्मेलन रहा जिसका संचालन डॉ. शिशिर सोमवंशी ने किया. कविगणों में सर्वश्री दिनेश देवघरिया, पंकज झा, हैरत फरुक्खाबादी, सरोज कान्त झा, राकेश नाज़ुक,नितेश सागर, पुष्कर कुमार पुष्प, श्रीमती संगीता नाथ, रूपाश्री शर्मा ‘श्यामांगिनी’, सीमा चंद्रिका तिवारी रहे। सभी की कविताओं को साहित्यसुधी श्रोताओं का हार्दिक प्रतिसाद मिला.
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