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यूनिटेक में दस निदेशक नियुक्त होंगे, सरकार का होगा कंट्रोल
एनसीएलटी ने आठ निदेशकों को सस्पेंड किया नयी दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने शुक्रवार को रीयल्टी फर्म यूनिटेक लिमिटेड को कड़ा झटका देते हुए कंपनी के सभी आठ निदेशकों को कथित कुप्रबंधन तथा कोष को इधर-उधर करने के आरोप में निलंबित कर दिया. इसके साथ ही एनसीएलटी ने सरकार को कंपनी के […]
एनसीएलटी ने आठ निदेशकों को सस्पेंड किया
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने शुक्रवार को रीयल्टी फर्म यूनिटेक लिमिटेड को कड़ा झटका देते हुए कंपनी के सभी आठ निदेशकों को कथित कुप्रबंधन तथा कोष को इधर-उधर करने के आरोप में निलंबित कर दिया. इसके साथ ही एनसीएलटी ने सरकार को कंपनी के बोर्ड में अपनी ओर से 10 निदेशक नियुक्त करने की अनुमति दी है. इसका संकेत यह है कि कर्ज के बोझ में दबी यूनिटेक पर सरकारी नियंत्रण का रास्ता साफ हो गया है.
सरकार ने एनसीएलटी से कंपनी का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए अपील की थी. सरकार का कहना था कि इस कदम के पीछे उसका मकसद 20,000 घर के खरीदारों के हितों का संरक्षण करना है. एनसीएलटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एम एम कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार को निदेशक नियुक्त करने की अनुमति देते हुए 20 दिसंबर तक 10 लोगों के नाम देने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई भी इसी दिन होनी है. इसके अलावा यूनिटेक के आठ निलंबित निदेशकों को अपनी निजी और कंपनी की संपत्ति बेचने की रोक लगायी गयी है.
फैसला अंशधारकों के लिए हानिकारक
यूनिटेक ने कहा कि उसके मौजूदा प्रबंधन में किसी तरह का दखल सभी अंशधारकों के हितों की दृष्टि से हानिकारक होगा. दो प्रबंध निदेशकों के जेल में रहने के बावजूद कंपनी धन जुटाने का प्रयास कर रही है.
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