9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

फंड दें, सुविधाएं सुनिश्चित करें और समीक्षा हो : राजबाला वर्मा

रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव या सचिवों को निर्देश दिया है कि वे सभी तरह के आदर्श ग्राम संबंधी योजनाअों को प्राथमिकता दें. सांसद अादर्श ग्राम (सांसदों के), प्रधानमंत्री अादर्श ग्राम योजना (एससी गांव), आदर्श ग्राम योजना (विधायक वाले) तथा मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना के संबंध में मुख्य […]

रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव या सचिवों को निर्देश दिया है कि वे सभी तरह के आदर्श ग्राम संबंधी योजनाअों को प्राथमिकता दें. सांसद अादर्श ग्राम (सांसदों के), प्रधानमंत्री अादर्श ग्राम योजना (एससी गांव), आदर्श ग्राम योजना (विधायक वाले) तथा मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना के संबंध में मुख्य सचिव ने विभागीय सचिवों को कहा है कि वे अपनी योजनाअों को अादर्श व स्मार्ट ग्रामों में प्राथमिकता के आधार पर केंद्रित करते हुए अपनी मासिक समीक्षा बैठक में इनके क्रियान्वयन की नियमित समीक्षा करें. गौरतलब है कि विभिन्न विभागों की योजनाअों को कंवर्जेंस (अभिसरण) के आधार पर लागू कर संबंधित ग्राम पंचायतों को आदर्श बनाया जाना है. उपरोक्त सभी योजनाअों का नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग है.

मुख्य सचिव ने आदर्श ग्रामों पर फोकस संभवत: अपनी पहली चिट्ठी में स्पष्ट रूप से कहा है कि संबंधित विभाग अादर्श ग्राम में अपनी योजनाएं लागू करने के लिए बजट बनाएं. सभी तरह के आदर्श व स्मार्ट ग्रामों (पंचायतों) में संपर्क पथ, बिजली, पानी, अावास, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, अांगनबाड़ी, शौचालय व सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाएं अादर्श रूप में लागू करने को भी कहा गया है.
साल भर से नहीं हुआ भुगतान, बैठने की जगह तक नहीं
एक तरफ सरकार अादर्श गांवों को लेकर अपनी गंभीरता दिखा रही है, दूसरी अोर आदर्श ग्रामों के लिए चयनित जिला व प्रखंड समन्वयकों को गत एक वर्ष से आवागमन खर्च नहीं मिल रहा. वहीं जिला के डीआरडीए कार्यालय में बैठने की जगह नहीं मिली है. इस समस्या से परेशान कुल 57 लोगों में से 25 ने काम छोड़ दिया है.

दरअसल, संविदा पर इन समन्वयकों की नियुक्ति एक अक्तूबर 2016 को हुई थी. इनका काम ग्रामीणों को आदर्श ग्राम के लक्ष्य व उद्देश्यों के प्रति जागरूक करना, संबंधित ग्राम पंचायतों में अादर्श ग्राम विकास समिति का गठन तथा इनका क्षमता विकास करना, राशन कार्ड व विभिन्न सामाजिक पेंशन जैसी यूनिवर्सल योजनाअों को अर्हता रखने वाले सौ फीसदी लाभुकों तक पहुंचाने में मदद करना, संबंधित ग्राम पंचायतों की वर्तमान सामाजिक व आर्थिक स्थिति जानने के लिए बेस लाइन सर्वे करना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम व विधायक आदर्श ग्राम के लिए मिलने वाले प्रति ग्राम 40 लाख रुपये के क्रिटिकल गैप फंड के इस्तेमाल के लिए विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना, ग्राम सभाएं अायोजित कर संबंधित गांव के लिए योजनाअों का चयन करवाना तथा इन सबकी रिपोर्ट सरकार की साइट पर अपलोड करना है.

इस पूरे काम के लिए समन्वयकों को यात्रा करनी पड़ती है. इस खर्च के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने शुरू में ही 1.74 करोड़ रुपये विभिन्न डीआरडीए को दे दिया था. पर पैसे जारी नहीं हो रहे हैं. यह काम करने की जिम्मेदारी जिलों के उप विकास अायुक्तों (डीडीसी) की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें