ज्ञापन में परासी सोना खनन लीज को रद्द करने सहित अन्य मांगों को रखा गया है. इससे पूर्व प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि एक खास कंपनी को नियम विरुद्ध परासी सोना खनन के लिए लीज दिया गया है.
खनन से पूर्व न तो ग्रामीणों को जानकारी दी गयी अौर न ही उनसे सहमति ली गयी है. इस खनन से बड़ी संख्या में ग्रामीण विस्थापित होंगे अौर जमीन अधिग्रहित किया जायेगा. इस खनन कार्य के लिए पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है. संकल्प लिया गया कि आंदोलन तेज किया जायेगा. कार्यक्रम में छत्रपति शाही मुंडा, देवकुमार धान, एस अली, सूर्य सिंह बेसरा, सोमा मुंडा, बहादुर उरांव आदि ने विचार रखे.