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झारखंड लिटरेरी मीट : अत्याचार के खिलाफ आवाज उठानेवाला साहित्य ही होगा

रांची : झारखंड लिटरेरी मीट के उदघाटन के बाद कवि अशोक वाजपेयी ने कहा कि लोग समझते हैं कि दी हुई दुनिया ही एक मात्र दुनिया है, जबकि साहित्य बताता है कि वैकल्पिक दुनिया भी संभव है. अगर अत्याचार, अनाचार, अन्याय करोगे, तो आवाज उठानेवाला साहित्य ही होगा. इसे कोई रोक नहीं सकता है. हम […]

रांची : झारखंड लिटरेरी मीट के उदघाटन के बाद कवि अशोक वाजपेयी ने कहा कि लोग समझते हैं कि दी हुई दुनिया ही एक मात्र दुनिया है, जबकि साहित्य बताता है कि वैकल्पिक दुनिया भी संभव है. अगर अत्याचार, अनाचार, अन्याय करोगे, तो आवाज उठानेवाला साहित्य ही होगा. इसे कोई रोक नहीं सकता है. हम लोग वैसे ही अल्पसंख्यक प्राणी हैं, जो अंत:करण को बचाने की कोशिश करते हैं.
अध्यात्म का पुनर्वास करना ही साहित्य का काम है. साहित्य की परिभाषा बढ़ा दी गयी है. इसमें अब पत्रकारिता, राजनीति आदि का भी समावेश हो गया है. वर्तमान दौर में सार्वजनिक संवाद में गाली-गलौज की भाषा हावी हो गयी है.ऐसे में हमें साहित्य की सौम्यता व सभ्यता बचानी भी है.
उन्होंने कहा : भाषा की एक मर्यादा होती है. जो अपने सच पर संदेह नहीं करे, वह साहित्य लिखने के काबिल नहीं होगा. साहित्य का सच अधूरा सच होता है. वह पूरा तब होता है, जब पढ़नेवाला अपना आधा सच उसमें मिलाता है. साहित्य हिम्मत देने का काम करता है.
सत्ता मनुष्य का मुर्खतम संगठन है. उसकी सीधे निंदा समझ में नहीं आती है. साहित्य ही चतुराई से अपनी बातें सामने रख देता है. उन्होंने कहा : पर्वत, पशु, पक्षी, नदियां अपनी जिम्मेवारी निभा रहे हैं, लेकिन हम ही उनके प्रति अपनी जिम्मेवारी निभाने में कोताही बरत रहे हैं. हमें यह भी पता है कि कई बार विफल होना अधिक सार्थक है, बजाय सफल होना.
ये भी थे मौजूद : टाटा स्टील के सीसीएंडआरए के ग्रुप डायरेक्टर चाणक्य चौधरी ने आगंतुकों का स्वागत किया. संचालन प्रतिति ने व धन्यवाद ज्ञापन फेस्टिवल डायरेक्टर मलविका बनर्जी ने किया. इस अवसर पर टाटा स्टील की तरफ सीआरइ शैलेश वर्मा, चीफ कम्यूनिकेशन अॉफिसर सर्वेश कुमार, सीसी अमरेश सिन्हा, सीआरइ रांची कनिष्क कुमार, प्रभात खबर के एमडी केके गोयनका, कार्यकारी निदेशक अारके दत्ता, स्टेट एडिटर अनुज कुमार सिन्हा व बिजनेस हेड विजय बहादुर सहित कई लोग उपस्थित थे.
भाषा के बदलते दौर, नयी पीढ़ी की भाषा और साहित्य पर चर्चा
लोगों में पढ़ने की आदत डालनी होगी : मार्क टली
झारखंड लिटरेरी मीट में के उद्घाटन के दौरान पत्रकार मार्क टली ने कहा : इंटरनेट के जमाने में भी साहित्य का महत्व कम नहीं हुआ है. आज भी किताबों की दुकानें हैं. लोगों में पढ़ने की आदत डालनी होगी. भारतीय भाषा काफी समृद्ध है. प्रभात खबर के प्रधान संपादक अाशुतोष चतुर्वेदी ने कहा : युवाअों में पढ़ने की प्रवृति कम हुई है. अक्सर कहा जाता है कि युवा अब फेसबुक, व्हाट्सअप आदि पर व्यस्त रहते हैं. वे साहित्य से दूर होते जा रहे हैं. एेसे में इस तरह के आयोजन से साहित्य के प्रति रुझान बढ़ेगा. युवाअों को साहित्य के इस तरह के कार्यक्रम से जोड़ना आवश्यक है.
आज ये रहेंगे
शर्मिला टैगोर, राजदीप सरदेसाई, कीर्ति कुल्हारी, गौतम चिंतामणी, अनिरुद्ध रॉय चौधरी, दिव्य प्रकाश दुबे, राहुल देव, निरंजन अयंगर, ज्यां द्रेज, कुमार राणा, महुआ माजी, ज्योति लकड़ा, अनुज लुगुन, सत्या व्यास, आशीष चौधरी, जयराम रमेश, देव प्रिय राय, सौम्यजीत दास, सौरेंद्र मल्लिक, रेमिश कुंडुलना

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