झारखंड : मुश्ताक ने 3500 कार्यकर्ताओं को कश्मीर में एबीवीपी से जोड़ा

रांची : अभाविप के अधिवेशन में हिस्सा लेने जम्मू से आये परिषद के प्रदेश सह मंत्री व परिषद के कश्मीर विस्तारक मुश्ताक अली कहते हैं कि आतंकवाद का खात्मा केवल सूफिज्म से ही किया जा सकता है. सैकड़ों साल से चल रहे सूफिज्म का संदेश धर्म में इंसानियत है. पीरपंजाल क्षेत्र में अतिवाद फैलाने की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 2, 2017 7:55 AM
रांची : अभाविप के अधिवेशन में हिस्सा लेने जम्मू से आये परिषद के प्रदेश सह मंत्री व परिषद के कश्मीर विस्तारक मुश्ताक अली कहते हैं कि आतंकवाद का खात्मा केवल सूफिज्म से ही किया जा सकता है. सैकड़ों साल से चल रहे सूफिज्म का संदेश धर्म में इंसानियत है. पीरपंजाल क्षेत्र में अतिवाद फैलाने की कोशिश लगातार हो रही है. लेकिन, परिषद सीधे तौर पर राष्ट्रवाद की बात करती है. परिषद का काम कट्टरता को डील करना है. हम इसकी खात्मे की ओर से बढ़ रहे हैं. श्री अली शुक्रवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि अब कश्मीर के लोगों को आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है. कुछ लोग हैं जो इस संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं. वैसे लोगों को चिह्नित करने की जरूरत है. पर अब परिस्थिति बदल रही है. लोग अब सोशल मीडिया के जरिये अपने बच्चों को वापस मुख्य धारा में लौटने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें परिषद का सदस्य बनाने में काफी संघर्ष करना पड़ा. पहले कॉलेजों में चुनाव की बातें नहीं होती थीं. लेकिन, अब हमलोगों ने चुनाव की मांग की है . तमाम विराेध के बावजूद आज जम्मू-कश्मीर में विद्यार्थी परिषद के 3500 कार्यकर्ताओं को जोड़ा है.
चलो केरल के जरिये परिषद से 18000 युवाओं को जोड़ा अश्विन ने
रांची : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सह संगठन मंत्री अश्विन ने केरल में 18000 युवाओं को जोड़ा है. अश्विन बताते हैं कि इसके लिए उन्हें काफी विरोध का सामना भी करना पड़ा.
केरल में विद्यार्थी परिषद शुरुआती दौर में है. उनका कहना है कि केरल में एसएफआइ व केएसयू का दबदबा था, लेकिन अब ऐसा नहीं है, परिस्थिति बदल चुकी है. उन्होंने पिछले दिनों केरल में महारैली की चर्चा करते हुए बताया कि रैली में लगभग 1.50 लाख युवाओं ने हिस्सा लिया. इसी वजह से राष्ट्रवाद के खिलाफ एसएफआइ की रैली पूरी तरह से विफल रही.

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