रांची: राज्य सरकार गांव, गरीब और किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है. गरीबों की योजनाएं गरीबों तक पहुंचे, यह केवल नौकरशाही के भरोसे संभव नहीं है. आजादी के 70 साल के बाद भी गांवों का विकास नहीं हो पाया है. विकास जन भागीदारी से ही संभव है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रखंड समन्वयक की नियुक्ति की गयी है. अपने प्रखंड को विकसित करने में इनकी भूमिका अहम रहेगी.
राज्य से बिचौलियों को समाप्त करना है, ताकि गरीबों को योजना का पूरा लाभ मिले. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं. वह प्रोजेक्ट भवन सभागार में नवनियुक्त प्रखंड समन्वयक सम्मेलन सह मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे.
पंचायत के गरीबों की सूची तैयार होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रखंड समन्वयक को पंचायत सचिवालय के सहायक के साथ बैठक कर उनके पंचायत के गरीबों की सूची तैयार करानी है. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीबों के लिए बनने वाले कार्ड के वितरण में भी समन्वयक सहयोग करेंगे. इसके साथ ही 108 एंबुलेंस सेवा पर भी निगरानी रखेंगे. राशन कार्ड की वास्तविक सूची बनाने में भी इनसे सहयोग लिया जायेगा. अच्छा काम करनेवाले समन्वयक को बोनस दिया जायेगा. सीएम ने समन्वयकों से कहा कि उन्हें नियमित नहीं किया जायेगा, इसलिए सेवा भाव वाले ही इससे जुड़ें. बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि राज्य में ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं पर 80 प्रतिशत बजट खर्च किया जा रहा है.
इसका असर गांवों में दिख रहा है. कार्यक्रम के दौरान बेहतर कार्य करने वाली पंचायती राज इकाइयों को पुरस्कृत किया गया. सीएस राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, सीएम के प्रधान सचिव संजय कुमार, समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव एमएस भाटिया, ग्रामीण विकास सचिव अविनाश कुमार, खाद्य आपूर्ति विभाग विनय चौबे, उद्योग सचिव सुनील कुमार बर्णवाल व पोषण मिशन के महानिदेशक डीके सक्सेना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
पंचायती राज इकाई, जिन्हें सम्मानित किया गया
जिला परिषद : देवघर (10 लाख रु)
ग्राम पंचायत : बरसई (कुमारडुगी प्रखंड, प.सिंहभूम), टुंडी (टुंडी, धनबाद), बदला (लोहरदगा, लोहरदगा), रुमुत्केल (मुरहू, खूंटी) तथा मायापुर (पेटरवार, बोकारो). सबको दो-दो लाख रु.
पंचायत समिति : मझगांव (प.सिंहभूम), डुमरी (गिरिडीह), महेशपुर (पाकुड़) व अड़की (खूंटी). सबको छह-छह लाख रु