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हेसमी में नहीं खुला आइटीआइ
मांडर : मांडर के हेसमी गांव में लाखों की लागत से बना आइटीआइ भवन सरकार की लापरवाही के कारण वर्षों से बेकार पड़ा है. करीब 3 करोड़ 65 लाख की लागत से छह साल पहले जब यह आइटीआइ भवन बन कर तैयार हुआ था, तो लोगों को उम्मीद थी कि अब उनके बच्चों को स्थानीय […]
मांडर : मांडर के हेसमी गांव में लाखों की लागत से बना आइटीआइ भवन सरकार की लापरवाही के कारण वर्षों से बेकार पड़ा है. करीब 3 करोड़ 65 लाख की लागत से छह साल पहले जब यह आइटीआइ भवन बन कर तैयार हुआ था, तो लोगों को उम्मीद थी कि अब उनके बच्चों को स्थानीय स्तर पर विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण मिलेगा. उन्हें रोजगार की दिक्कत नहीं होगी.
बताया जाता है कि तत्कालीन मंत्री बंधु तिर्की की पहल पर बने इस आइटीआइ को शुरू में पीपीपी मोड पर चलाने के लिए किसी निजी कंपनी से बात की गयी थी, लेकिन बात नहीं बनी. अब स्थिति यह यह है कि धीरे-धीरे यह भवन रख-रखाव के अभाव जर्जर होता जा रहा है. देख-रेख के अभाव में भवन से सामान भी गायब हो रहे हैं. ग्रामीणों ने क्षेत्र के हित के लिए सरकार से इस आइटीआइ को अविलंब शुरू कराने की मांग की है.
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