Advertisement
झारखंड : धान खरीद में खास सतर्कता बरतेगी सरकार
तैयारी : पिछली बार लक्ष्य से काफी पीछे रह गया था विभाग, किसानों का भुगतान भी लटका था रांची : इस बार राज्य सरकार धान खरीद में खास सतर्कता बरतेगी. संबंधित पदाधिकारियों, मिल मालिकों व धान खरीदने वाली एजेंसियों पर खास नजर रखी जायेगी. उनकी जिम्मेदारी भी तय की जायेगी. किसी भी स्तर पर चूक […]
तैयारी : पिछली बार लक्ष्य से काफी पीछे रह गया था विभाग, किसानों का भुगतान भी लटका था
रांची : इस बार राज्य सरकार धान खरीद में खास सतर्कता बरतेगी. संबंधित पदाधिकारियों, मिल मालिकों व धान खरीदने वाली एजेंसियों पर खास नजर रखी जायेगी. उनकी जिम्मेदारी भी तय की जायेगी. किसी भी स्तर पर चूक न हो, इसके लिए विभाग ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है.
किसानों को किसी तरह का नुकसान न हो, इसका भी ख्याल रखा जायेगा. इसके लिए धान खरीद की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जिला अधिकारियों को दी जायेगी. किसानों से अधिक से अधिक चावल की खरीद हो, इसके लिए सारे प्रयास किये जा रहे हैं.
किसानों को उनके धान का भुगतान दो दिनों में ही हो जाये, इसका भी प्रयास किया जा रहा है. सरकारी एजेंसी लैंपस व पैक्स के माध्यम से ज्यादातर धान खरीदे जायेंगे. यह प्रयास किया जा रहा है कि निजी एजेंसियों को किसानों से दूर रखा जाये, ताकि किसानों को नुकसान न हो.
खाद्य आपूर्ति विभाग ने पूर्व में तेलंगाना में धान खरीद का अध्ययन किया था. वहां के सिस्टम को झारखंड में लागू किया जायेगा. अगर किसान क्रय केंद्र में आयेंगे, तो टोकन देकर उनसे धान खरीद लिया जायेगा. फिर क्रय केंद्रों से धान को सीधे चावल मिलों में भेज दिया जायेगा.
इस बार धान खरीद को लेकर हर दिन अपर समाहर्ता स्तर पर जिलों में बैठक होगी और इसकी समीक्षा की जायेगी. प्रखंड स्तर पर प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी क्रय केंद्रों में जायेंगे और धान खरीद में सहयोग करेंगे.
एक दिसंबर से शुरू होगी खरीदारी : इस साल एक दिसंबर से धान की खरीद शुरू हो जायेगी. विभागीय मंत्री ने तिथि की घोषणा कर दी है. इसके पूर्व सारी तैयारी कर ली जायेगी. इसके लिए सारे अफसरों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं.
मई तक हुई थी धान की खरीद : धान की खरीद 31 मई तक हुई थी. धान अधिप्राप्ति की स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से सरकार ने इसकी तिथि बढ़ा कर मई तक की थी. 2 लाख 35 हजार टन धान की खरीद हुई थी, जो कि पिछले साल की तुलना में कम था. इस बार तो धान और भी अधिक हुआ है.
बोनस बढ़ेगा
इस बार पहले से ही विभाग ने बेहतर करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में 20 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी बढ़ाने की तैयारी है. पिछली बार किसानों को 130 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया गया था. इस बार इसे बढ़ा कर 150 रुपये प्रति क्विंटल किया जा रहा है.
पिछली बार कई खामियां आयी थीं सामने
पिछले साल धान खरीद में कई चूक हुई. कई चावल मिल की अोर से इसमें सहयोग नहीं किया गया. मिल मालिकों ने क्रय केंद्रों से चावल उठाव में काफी देरी की. वहीं अपने यहां जगह नहीं होने की बात कहते रहे. मिल वालों ने चावल बना कर एफसीआइ को देने में भी देरी की.
विभागीय अधिकारियों ने भी इसकी ठीक से मॉनिटरिंग नहीं की थी. वहीं एजेंसी नाकॉफ ने किसानों से धान लेकर उसका भुगतान नहीं किया. लंबे समय तक किसानों का भुगतान लटका रहा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement