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शराब प्रकरण में जांच पूरी, सीआइडी ने माना, नकली शराब बनाने का दोषी है प्रह्लाद सिंधिया

सीआइडी के अधिकारियों ने शराब प्रकरण में प्रह्लाद सिंधिया सहित अन्य लोगों से जुड़े मामले को लेकर पूर्व में उत्पाद विभाग में दर्ज मामले की जांच पूरी कर ली है. सीआइडी ने प्रह्लाद सिंधिया को शराब बनाने के लिए स्पिरिट की चोरी कराने, नकली शराब बनाने और सप्लाई करने के लिए दोषी पाया है. लिहाजा, […]

सीआइडी के अधिकारियों ने शराब प्रकरण में प्रह्लाद सिंधिया सहित अन्य लोगों से जुड़े मामले को लेकर पूर्व में उत्पाद विभाग में दर्ज मामले की जांच पूरी कर ली है. सीआइडी ने प्रह्लाद सिंधिया को शराब बनाने के लिए स्पिरिट की चोरी कराने, नकली शराब बनाने और सप्लाई करने के लिए दोषी पाया है. लिहाजा, प्रह्लाद से जुड़े मामले में सीआइडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोबारा प्राथमिकी दर्ज होगी.
रांची: सीआइडी अधिकारियों के अनुसार पूर्व में उत्पाद अधिनियम के तहत उत्पाद विभाग में मामले दर्ज किये जाते थे. इसी में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया गया था. लेकिन जांच के दौरान सीआइडी ने पाया कि यह मामला धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और नकली शराब बनाकर किसी की जान से खिलवाड़ करने भी जुड़ा है. इसलिए सभी मामलों में आइपीसी की अन्य धाराओं में भी प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
उत्पाद विभाग में दर्ज मामले में सीआइडी ने जांच रिपोर्ट में क्या लिखा
उत्पाद विभाग वाद संख्या 697/17: उत्पाद विभाग की टीम ने ओरमांझी में छापेमारी कर स्पिरिट बरामद किया था. यहां लोग प्रह्लाद सिंधिया के लिए स्पिरिट चोरी कर उससे शराब बनाते थे. मामले में दोनों टैंकर के चालक और प्रह्लाद सिंधिया के खिलाफ पूर्व में उत्पाद अधिनियम के तहत आरोप पत्र समर्पित है. जांच में यह भी पता चला कि प्रह्लाद सिंधिया और उसका पुत्र मनीष सिंधिया नकली शराब बनाकर जैप वन के एरिया में कुछ लोगों को बेचते थे. शराब पीनेवाले सोचते थे कि यह शराब जैप वन परिसर में स्थित कैंटीन की है. जबकि यही शराब पीने से कई लोगों की मौत हुई और कई बीमार हो गये. इसलिए यह मामला न सिर्फ उत्पाद अधिनियम बल्कि धोखाधड़ी, आपराधिक षड़यंत्र और आइपीसी की अन्य धाराओं के अंतर्गत अपराधी है.
उत्पाद विभाग वाद संख्या 38/ 13: उत्पाद विभाग की टीम ने नामकुम के तेतरटोली में नरेश कुमार सहित चार अन्य लोगों के ठिकाने पर छापेमारी की थी. छापेमारी में 210 लीटर स्पिरिट सहित काफी मात्रा में शराब बरामद की गयी थी. मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. सभी के खिलाफ उत्पाद अधिनियम 47 (a) के तहत आरोप पत्र समर्पित किया गया था. जांच के दौरान पता चला कि शराब कारोबारी नकली शराब में कैरामेल मिलाते हैं. इसके साथ ही ब्रांडेड कंपनी का नकली स्टिकर चिपकाकर धोखे से बाजार में बेचते हैं. इसलिए यह मामला सिर्फ उत्पाद अधिनियम के तहत नहीं आता बल्कि यह आपराधिक मामला है. इसलिए आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य अापराधिक मामले बनते हैं.
उत्पाद विभाग वाद संख्या 1107/17: उत्पाद विभाग की टीम ने जोरार बस्ती में प्रह्लाद सिंधिया और शुभम ढिंगरा के घर में छापेमारी की थी. दोनों छापेमारी टीम को देखते ही भाग निकले थे. छापेमारी टीम ने बड़ी मात्रा में शराब, बोतल और नकली रैपर बरामद किया था. उनके द्वारा बनायी गयी शराब मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. जांच के बाद दोनों के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत आरोप पत्र भी समर्पित है. दोनों कारोबारी आसपास के लोगों को भी अपने प्रभाव में रखते हैं. इसलिए दोनों के बारे कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं होता है. इस तरह लोगों को गुमराह कर नकली शराब बेचना जानलेवा हो सकता है. इसलिए मामले में धोखाधड़ी सहित आइपीसी की अन्य धाराओं में आरोप बनता है.
उत्पाद विभाग वाद संख्या 1719/ 17: उत्पाद विभाग की टीम ने जोरार बस्ती में प्रह्लाद सिंधिया के ठिकाने पर छापेमारी की. प्रह्लाद सिंधिया अपने लोगों के साथ भाग निकला था. टीम ने भारी मात्रा में शराब की बोतलें और शराब बरामद की. इसमें प्रह्लाद सिंधिया पर न सिर्फ उत्पाद अधिनियम बल्कि आपराधिक षडयंत्र व धोखाधड़ी सहित अन्य आरोप बनते हैं.

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