इस हिसाब से पांच वर्ष में आंदोलनकारियों को 60 करोड़ रुपये मिल जाने थे, लेकिन किसी भी रूप में (पेंशन, मुआवजा) राशि आंदोलनकारियों को नहीं मिली है. मोर्चा ने सरकार से 15 दिन के अंदर आंदोलनकारियों को राशि उपलब्ध कराने की मांग की. अधिवक्ता व आंदोलनकारी मुमताज खान ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि राज्य गठन के 17 वर्ष बाद भी झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान, पेंशन अौर मुआवजा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
इनमें से मात्र पांच को ही पेंशन का भुगतान किया गया है. इसके अलावा शहीद निर्मल महतो, अशरफ खान, शांति महतो व सुनील महतो को सरकार शहीद का दर्जा नहीं दे रही है. यह दुखद स्थिति है. बैठक में विमल कच्छप, रामशरण विश्वकर्मा, शिवशंकर महतो, दिवाकर गुप्ता, अनिता कच्छप, शांति टोप्पो, रामेश्वर महतो, बानेश्वर महतो, फूलचंद तिर्की आदि मौजूद थे.