केंद्र सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने भी झारखंड में फूड प्रोसेसिंग संभावना को देखते हुए 113 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की है. इसके बाद राज्य में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. वर्ष 2009 में राजधानी से सटे गेतलसूद इलाके में एक मेगा फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था. हालांकि, उसके बाद काम आगे नहीं बढ़ सका. पर अब सरकार इस क्षेत्र को लेकर गंभीर हुई है. इसी वर्ष फरवरी में हुए मोमेंटम झारखंड के बाद रांची औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आनेवाली औद्योगिक क्षेत्र में 32 से अधिक फूड प्रोसेसिंग की इकाइयां प्रस्तावित हैं.
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तीन दिनी झारखंड फूड समिट 23 फरवरी से
रांची: अगले साल फरवरी में झारखंड फूड समिट का आयोजन किया जायेगा. देश-दुनिया के खाद्य प्रसंस्करण निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 23 फरवरी से होने वाला फूड समिट तीन दिनों तक चलेगा. समिट के माध्यम से सरकार यह बताने का प्रयास करेगी कि अब तक केवल खानों और खनिजों पर केंद्रित रहने वाली औद्योगिक […]
रांची: अगले साल फरवरी में झारखंड फूड समिट का आयोजन किया जायेगा. देश-दुनिया के खाद्य प्रसंस्करण निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 23 फरवरी से होने वाला फूड समिट तीन दिनों तक चलेगा. समिट के माध्यम से सरकार यह बताने का प्रयास करेगी कि अब तक केवल खानों और खनिजों पर केंद्रित रहने वाली औद्योगिक नीति में बदलाव किया गया है.
केंद्र सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने भी झारखंड में फूड प्रोसेसिंग संभावना को देखते हुए 113 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की है. इसके बाद राज्य में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. वर्ष 2009 में राजधानी से सटे गेतलसूद इलाके में एक मेगा फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था. हालांकि, उसके बाद काम आगे नहीं बढ़ सका. पर अब सरकार इस क्षेत्र को लेकर गंभीर हुई है. इसी वर्ष फरवरी में हुए मोमेंटम झारखंड के बाद रांची औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आनेवाली औद्योगिक क्षेत्र में 32 से अधिक फूड प्रोसेसिंग की इकाइयां प्रस्तावित हैं.
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को करना है विकसित : उद्योग सचिव सुनील वर्णवाल कहते हैं कि राज्य में खनिज भंडार है, लेकिन स्थानीय लोगों को खनन उद्योग क्षेत्र से लाभ लेने में असमर्थ हैं. सरकार एक संपन्न उद्योग के रूप में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को विकसित करना चाहती है. इस प्रयास में समिट एक बढ़िया कदम साबित होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड देश में टमाटर का सबसे बड़ा और हरी मटर का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. इसके अलावा, राज्य जैविक खाद्य, छोटे वन उत्पादन, मछली आदि के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है. फूड समिट के जरिये इन सभी क्षेत्रों के लिए निवेशकों को बुलाया जायेगा.
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