रांची : लोकसभा चुनाव के नाम पर आम लोगों के वाहनों की तलाशी के दौरान बरामद रुपये को जबरन जब्त करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद भारत सरकार व चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. शपथ पत्र के माध्यम से जवाब देने को कहा. अगली सुनवाई जून के अंतिम सप्ताह में होगी. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता नितीन पसारी ने पैरवी की. उन्होंने गुजरात हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेशों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई को गलत बताया. अधिवक्ता ने कहा कि पुराने दिशा-निर्देशों के आधार पर वाहन चेकिंग के दौरान आम लोगों को परेशान किया जा रहा है.
उन्होंने यह भी कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने अपने नियम में काफी बदलाव किये हैं, लेकिन आयोग के पुराने निर्देशों की आड़ में कार्रवाई की गयी. उनके पास से मिल रही नगद राशि जब्त कर ली गयी. आयकर विभाग को भी शामिल किया गया, जबकि प्रत्याशियों या उनके कार्यकर्ताओं की तलाशी लेने का निर्देश है, लेकिन मनमाने तरीके से कार्रवाई हुई. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी प्रवीण लोहिया ने उक्त जनहित याचिका दायर की है.