रंजीत गाड़ोदिया ने कहा कि जीएसटी परिषद ने 215 वस्तुओं पर टैक्स में कमी की है. वहीं जुर्माना राशि कम करने से व्यवसायियों की काफी समस्याओं का समाधान हुआ है. सदस्यों ने ऑटो पार्ट्स में जीएसटी दर कम नहीं होने पर असंतोष जताते हुए कहा कि लक्जरी गुड्स में ऑटो पार्ट्स को रखा जाना अव्यावहारिक है. ट्रैक्टर, साइकिल और ऑटो को लग्जरी आइटम की श्रेणी में रखा गया है, जबकि ये लग्जरी श्रेणी में नहीं आते हैं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत करनी चाहिए.
सदस्यों ने कहा कि गिरिडीह में ट्रैफिक थाना नहीं होने से लोगों को कठिनाई हो रही है. सरकार ने बिना पर्याप्त समय दिये ही प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर दिया है, जो अव्यावहारिक है. व्यवसायियों ने कहा कि कई राज्यों में पेट्रोल व डीजल के मूल्य में कमी की गयी है. झारखंड में भी पेट्रोल व डीजल के मूल्य में कमी होनी चाहिए. बैठक में चेंबर के उपाध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल, सोनी मेहता, महासचिव कुणाल अजमानी, सह सचिव अश्विनी राजगढ़िया, प्रवीण जैन छाबड़ा, राहुल मारू, निर्मल झुनझुनवाला, कार्यकारिणी सदस्य आरडी सिंह, किशोर मंत्री, राम बांगड़, पंकज पोद्दार, दीपक मारू, पूनम आनंद, कमल जैन, पंकज चौधरी, विमल फोगला, पूर्व अध्यक्ष रतन मोदी, पवन शर्मा, रंजीत टिबड़ेवाल, सदस्य परेश गट्टानी, किशन अग्रवाल, संजय अखौरी, प्रमोद श्रीवास्तव, डॉ रवि भट्ट, आरएस अग्रवाल, अरविंद मोदी, संजय जौहर, प्रमोद सारस्वत, विनोद नेमानी आदि उपस्थित थे.