पार्किंग की व्यवस्था बेंगलुरु की कंपनी जीनॉस्टिक सोल्युशन को सौंपी गयी है. हालांकि, नयी व्यवस्था लागू होने के साथ ही नगर निगम को इस संबंध में तरह-तरह की शिकायतें मिलने लगीं. एक जगह वाहन खड़ा करने के लिए पार्किंग शुल्क देने के बाद दूसरी जगह भी लोगों को पार्किंग शुल्क देना पड़ता था. वहीं, नाे पार्किंग में न होने के बावजूद कंपनी के कर्मचारियों द्वारा वाहनों को उठा लेने की शिकायतें भी मिलीं इसे देखते हुए रांची नगर निगम ने मेन रोड की पार्किंग व्यवस्था के नियमों में बदलाव का कदम उठाया है.
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RANCHI : मेन रोड में एक बार पार्किंग शुल्क दें और तीन घंटे तक घूम-घूम कर करें शॉपिंग
रांची नगर निगम बोर्ड की बैठक गुरुवार को हुई. इसमें शहरवासियों के हक में कई फैसले लिये गये. सबसे महत्वपूर्ण फैसला मेन रोड यानी महात्मा गांधी मार्ग की पार्किंग के बाबत लिया गया है. इसमें तय हुआ कि अब कोई भी व्यक्ति मेन रोड में दोपहिया या चारपहिया वाहन खड़ा करने के लिए एक ही […]
रांची नगर निगम बोर्ड की बैठक गुरुवार को हुई. इसमें शहरवासियों के हक में कई फैसले लिये गये. सबसे महत्वपूर्ण फैसला मेन रोड यानी महात्मा गांधी मार्ग की पार्किंग के बाबत लिया गया है. इसमें तय हुआ कि अब कोई भी व्यक्ति मेन रोड में दोपहिया या चारपहिया वाहन खड़ा करने के लिए एक ही बार पार्किंग शुल्क देगा. इसके बाद अगले तीन घंटों तक के लिए वह कहीं भी अपना वाहन खड़ा कर सकता है. इस दौरान अलग-अलग पार्किंग के लिए उसे अलग-अलग शुल्क नहीं देना होगा. यह व्यवस्था शुक्रवार से ही लागू जो जायेगी.
रांची : मेन रोड को राजधानी के सबसे व्यस्ततम मार्गों में शुमार किया जाता है. वाहनों के अत्यधिक दबाव और अव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था की वजह से यहां अक्सर जाम लगता रहता था. इस समस्या से निबटने के लिए रांची नगर निगम ने कुछ महीनों पहले यहां पेड पार्किंग व्यवस्था लागू कर दी है. इसके तहत इस मार्ग को अलबर्ट एक्का चौक से लेकर ओवर ब्रिज तक चार जोन (रेड, ऑरेंज, यलो और ग्रीन) में बांटकर अगलग-अलग पार्किंग शुल्क तय कर दिया गया.
एस्सेल इंफ्रा के पास बचे केवल दो माह उसके बाद टर्मिनेट हो जायेगी कंपनी
नगर आयुक्त ने कहा कि एस्सेल इंफ्रा को टर्मिनेशन लेटर दे दिया गया है. कंपनी को तीन महीने का समय दिया गया था, जिसमें से एक माह गुजर चुका है. अब दो माह शेष हैं. अगर इन दो महीनों में कंपनी शहर की सफाई व्यवस्था को पटरी ले आती है, तो ठीक है. वरना कंपनी स्वत: ही टर्मिनेट हो जायेगी. नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि कंपनी के जाने के बाद रांची नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था कैसे संभालेगा, इसका एक्शन प्लान एक माह के अंदर जारी किया जायेगा.
पीपीपी मोड पर ही बनेंगे बस पड़ाव पार्षद और डिप्टी मेयर ने किया समर्थन
शहर में बनने वाले 238 बस पड़ावों काे लेकर नगर निगम में एक माह से घमासान मचा हुआ था. वहीं, गुरुवार को निगम बोर्ड की बैठक में इसे पीपीपी मोड पर बनाने के प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गयी. पार्षद और उप महापौर ने एक स्वर में कहा कि सरकार से बस पड़ाव की राशि मांगने से कोई फायदा नहीं है. क्योंकि सरकार से इसकी राशि मिलने वाली नहीं है. बेहतर होगा कि निगम इसे पीपीपी मोड पर बनवाये, ताकि जल्द से जल्द इसका लाभ शहरवासियों को मिल सके.
नयी व्यवस्था आज से लागू
बैठक को संबोधित करते हुए नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने कहा कि शहरवासियों की सहूलियत के लिए ही पार्किंग व्यवस्था में बदलाव किया गया है. अब एक बार पार्किंग शुल्क देने के बाद कोई भी व्यक्ति तीन घंटे तक अपने वाहन से घूमकर मेन रोड की किसी भी दुकान से खरीदारी कर सकता है. इस दौरान उससे पार्किंग शुल्क नहीं वसूला जायेगा. इस नये नियम को शुक्रवार से मेन रोड में लागू कर दिया जायेगा
ऐसे समझें पार्किंग शुल्क का गणित
मान लीजिए आप अपनी बाइक लेकर अलबर्ट एक्का चौक खरीदारी करने जाते हैं. यहां ठेकेदार के लोग आपसे पार्किंग शुल्क के रूप में 10 रुपये लेकर टिकट देते हैं. आप एक घंटा में खरीदारी करके वापस आते हैं. फिर अपने वाहन काे लेकर चर्च कॉम्प्लेक्स खरीदारी करने जाते हैं. यहां भी ठेकेदार के लोग आपसे पार्किंग शुल्क मांगते हैं, तो आपको बस अलबर्ट एक्का चौक की पार्किंग से मिला टिकट दिखाना होगा. इसके बाद आपसे पैसे नहीं लिये जायेंगे. यहां पर भी आप खरीदारी दो घंटा तक आराम से कर सकते हैं. अगर आप यहां से भी जल्दी से खरीदारी करके निकल गये, तो आप दूसरे जगह पर भी अपने बचे हुए समय का उपयोग कर सकते हैं. हां! तीन घंटे बाद भी अगर आपका वाहन पार्किंग में रहता है, तो आपका नया स्लॉट चालू हो जायेगा. आपको फिर से 10 रुपये पार्किंग शुल्क देना पड़ेगा.
अभियंता और ठेकेदारों का चल रहा है गठजोड़
बैठक में वार्ड नंबर-53 के पार्षद वासुदेव टोप्पो ने आरोप लगाया कि पिछले चार साल में उनके वार्ड में एक भी योजना धरातल पर नहीं उतरी है. इस काम में सबसे अधिक रोड़ा निगम के अभियंताओं ने लगाया है. पार्षद ने कहा कि जब भी वे निगम के अभियंताओं से अपने वार्ड की योजनाओं की जानकारी मांगते हैं, कहा जाता है कि अभी फाइल नहीं मिल रही है. बाद में देखेंगे. जबकि यही इंजीनियर ठेकेदारों के कामों को मिनटों में कर देते हैं. पार्षद के इस मांग पर नगर आयुक्त ने कहा कि अगर कोई अभियंता या कंप्यूटर आॅपरेटर इस प्रकार फाइल दाबकर रख रहा है, तो यह अपराध है. ऐसी घटनाओं को बरदाश्त नहीं किया जायेगा. वे देखेंगे कि आखिर पार्षद की फाइल किसने दबाकर इतने दिनों तक रखी थी.
सीवरेज-ड्रेनेज से हालत हुए नारकीय जल्द सुधारें
बैठक में उपस्थित रांची के सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि सीवरेज-ड्रेनेज के लिए चल रहे काम से शहर के कई मोहल्लों की स्थिति नारकीय बनी हुई है. खास कर बूटी बस्ती के लोगों का जीना मुहाल हो गया है. इसलिए कंपनी को यह निर्देश दिया जाये कि जल्द से जल्द वह अधूरे कार्यों को पूरा करे. बैठक में मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, उप नगर आयुक्त संजय कुमार, सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार आदि भी उपस्थित थे.
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