जब मरीज के पुत्र श्यामाकांत ने गिरिडीह सिविल सर्जन के यहां इस्टीमेट जमा किया, तो उनसे कहा गया कि स्पार्क सर्जिकल सरकार की सूची में सूचीबद्ध नहीं है, इसलिए पैसा नहीं दिया जा सकता है.
इस संबंध में श्यामाकांत का कहना है कि वह इसकी शिकायत रिम्स प्रबंधन से लेकर सचिवालय तक में कर चुके हैं, लेकिन उनकी बात कोई सुनने को तैयार नहीं है. रिम्स के पदाधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं. इलाज के खर्च का सही इस्टीमेट के लिए वह रिम्स का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन इस्टीमेट नहीं मिल रहा है.