रांची : झारखंड हाइकोर्ट को पर्यावरण संरक्षण व बिजली बचाने की दिशा में सफलता मिल रही है. हाइकोर्ट गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत साैर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है. अगले वित्तीय वर्ष तक राज्य के सभी जिलों के सिविल कोर्ट साैर उर्जा से संचालित हो जायेंगे. सिविल कोर्ट में साैर ऊर्जा के उपयोग में झारखंड देश में नंबर-वन राज्य बन गया है. खूंटी सिविल कोर्ट देश में पहला ऐसा कोर्ट है, जहां गैर परंपरागत बिजली का उपयोग किया गया. यहां दो अक्तूबर 2015 को सोलर पावर प्लांट का उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
वर्तमान में चार जिलों के सिविल कोर्ट में सोलर पावर प्लांट से साैर ऊर्जा की आपूर्ति हो रही है. चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक पांच आैर जिलों के सिविल कोर्ट साैर उर्जा से संचालित हो जायेंगे. इधर एक्टिंग चीफ जस्टिस (एसीजे) डीएन पटेल ने 12 अन्य जिलों के सिविल कोर्ट में सोलर पावर प्लांट लगाने की अनुमति प्रदान की है. एसीजे ने सिविल कोर्ट भवन की छत पर लगनेवाले सोलर पावर प्लांट को शीघ्र स्टॉल करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जितना जल्द हो, पूरे सिविल कोर्ट में साैर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाये. यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है.