रांची : रांची स्थित प्रभारी एनआइए कोर्ट परिसर का माहौल शनिवार को कुछ अलग था. कुछ फिल्मी टाइप. एक्शन था, तो इमोशन भी. दिन के 12:10 बजे थे. जदयू विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या में आरोपी पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर को कड़ी सुरक्षा के बीच कैदी वाहन में लेकर एनआइए की टीम पहुंची. कोर्ट हाजत के पास वाहन को खड़ा किया गया.
सुबह 10 बजे कोर्ट परिसर में पीटर की पत्नी आरती पातर, दो बच्चे और समर्थक कोर्ट हाजत की ओर गये. कैदी वाहन से ही पीटर बच्चों की ओर देखकर हाथ हिलाकर सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे कि चिंता ना करो, सब ठीक हो जायेगा. कुछ देर बाद पीटर को कैदी वाहन से निकालकर एनआइए के अफसर कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने लगे. इस दौरान पत्नी आरती ने दिउड़ी मंदिर में पूजा के बाद लाया हुआ तिलक उनके मार्थ पर लगाया. फिर प्रसाद खिलाने लगी. लेकिन एनआइए के अफसरों ने सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें प्रसाद खिलाने से रोक दिया.
12:50 बजे कोर्ट में राजा पीटर को एनआइए के प्रभारी कोर्ट एसएन तिवारी की कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान पीटर थके-थके लग रहे थे. थोड़ी देर बाद नक्सली कुंदन पाहन अौर बलराम साहू को भी पेश किया गया. कोर्ट की कार्यवाही शुरू होते ही पत्नी आरती कोर्ट के अंदर पहुंच गयी. अचानक वह चिल्लाने लगी, बोली मेरे पति कोई क्रिमिनल हैं, जो एनआइए के अफसर उन्हें लगातार टार्चर कर रहे हैं. यह लोग मेरे पति की जान ले लेंगे. मिलने जाते हैं, तो पति से अकेले मिलने भी नहीं देते. चार-पांच लोग घेरकर बैठे रहते हैं. इस पर पीटर के अधिवक्ताअों ने उन्हें शांत रहने को कहा. इसके बाद वह कोर्ट से बाहर निकल गयी.
कोर्ट में बहस जारी रही. उधर, कोर्ट से बाहर आने के बाद भी आरती बार-बार एनआइए के अफसरों पर पति को टार्चर करने का आरोप लगाती रहीं. इसी क्रम में बहस के दौरान दोपहर 1:10 बजे अचानक राजा पीटर कोर्ट में बेहोश होकर गिर गये. कोर्ट रूम में अफरा-तफरी मच गयी. न्यायाधीश ने तुरंत डॉक्टर अौर एंबुलेंस की व्यवस्था करने का निर्देश अफसरों को दिया. न्यायाधीश कोर्ट की कार्यवाही रोक अपने चेंबर में चले गये. कोर्ट रूम में अंदर एनआइए के लोग राजा पीटर के चेहरे पर पानी छिड़कने लगे. उन्हें बेंच पर लिटा दिया. फिर पंखे झलने लगे. दोपहर 1:57 बजे सदर अस्पताल से कोर्ट में एंबुलेंस पहुंची. डॉक्टर सव्यसाची मंडल ने कोर्ट रूम में राजा पीटर की जांच की. उस वक्त पीटर का बीपी 166/94 था. डॉक्टर ने कहा कि अब पीटर ठीक हैं.
अलग से कोई दवाई देने की जरूरत नहीं है. पहले से जो दवाई चल रही है, उसी से रिकवर हो जायेगा. उधर, राजा पीटर की पत्नी आरती एक अौर डॉक्टर गजेंद्र के साथ कोर्ट पहुंची. डॉ गजेंद्र ने खुद को रिम्स का डॉक्टर बताया. हालांकि उन्हें राजा पीटर को देखने नहीं दिया गया. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कुंदन पाहन अौर बलराम साहू आराम से बैठे रहे. इस प्रकरण को कवर करने के लिए सुबह साढ़े दस बजे ही मीडियाकर्मी कोर्ट परिसर में पहुंच गये थे. राजा पीटर की अोर से कोलकाता हाईकोर्ट के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, झारखंड हाईकोर्ट से विकास कुमार अौर रोहित श्रीवास्तव पैरवी के लिए पहुंचे थे. वहीं एनआइए की ओर से अधिवक्ता रोहित रंजन बहस कर रहे थे.
सो नहीं पा रहे थे, इसलिए हो गये बेहोश : पीटर
राजा पीटर ने न्यायाधीश से कहा कि मुझे 3-14 सितंबर से ही परेशान किया जा रहा है. नवरात्र के समय भी नहीं छोड़ा. जांच में सहयोग कर रहे हैं, फिर भी. आठ अक्तूबर को सुबह ही हमको उठा लिया. हम सो नहीं पाये थे, इसलिए बेहोश हो गये.
एनआइए ने कहा : पूछताछ बाकी, रिमांड जरूरी
एनआइए के अधिवक्ता ने कोर्ट में राजा पीटर, नक्सली कुंदन पाहन और बलराम साहू को और दो दिनों के लिए रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया. बहस के दौरान कहा कि मामले से संबंधित कुंदन पाहन अौर बलराम साहू को कल ही पूछताछ के लिए लाया गया है. राजा पीटर से भी पूरी तरह पूछताछ नहीं की गयी है, इसलिए दो दिन की रिमांड जरूरी है, ताकि सभी से पूरी तरह पूछताछ की जा सके. राजा पीटर के अधिवक्ता ने कहा कि पहले ही काफी पूछताछ की जा चुकी है. इसलिए रिमांड अवधि नहीं बढ़ायी जानी चाहिए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दो दिन की रिमांड अवधि को मंजूरी दी. साथ ही आदेश दिया कि हर चार घंटे के बाद राजा पीटर को उनके अधिवक्ता या परिजनों से मिलने दिया जाये.