राज्यपाल मंगलवार को केंद्रीय मन: चिकित्सा संस्थान (सीआइपी) में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं. इस मौके पर सीआइपी का अपना डाक टिकट जारी किया गया. श्रीमती मुर्मू ने कहा कि बच्चों को मानसिक रूप से समृद्धि करने के लिए स्कूल और कॉलेजों में भी योग सिखाया जाना चाहिए. हरेक लोगों को आज मानसिक रूप से समृद्ध करने की जरूरत है. हरेक लोगों की जिंदगी में कठिन समय आता है. इससे बचने की जरूरत है. सीआइपी को सेंटर फॉर एक्सलेंस बनाने के लिए प्रयास हो रहा है. इसके लिए प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और स्वास्थ्य सचिव से बात हुई है. रिनपास और सीअाइपी में जो कमियां है, उसे दूर करना चाहिए.
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लोगों का खो रहा धैर्य, योग अपनायें : राज्यपाल
रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज प्रतियोगिता का दौर है. एेसे में बातों-बातों में लोगों का धैर्य खो रहा है. अपने धैर्य पर नियंत्रण रखने के लिए योग का सहारा लेना चाहिए. मैं खुद सुबह 3.30 बजे से 4.45 बजे तक योग करती हूं. इससे मेरे जीवन को कई संकट की घड़ी से […]
रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज प्रतियोगिता का दौर है. एेसे में बातों-बातों में लोगों का धैर्य खो रहा है. अपने धैर्य पर नियंत्रण रखने के लिए योग का सहारा लेना चाहिए. मैं खुद सुबह 3.30 बजे से 4.45 बजे तक योग करती हूं. इससे मेरे जीवन को कई संकट की घड़ी से निकलने में मदद मिली है. मानसिक समस्या आज घर-घर की है.
राज्यपाल मंगलवार को केंद्रीय मन: चिकित्सा संस्थान (सीआइपी) में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं. इस मौके पर सीआइपी का अपना डाक टिकट जारी किया गया. श्रीमती मुर्मू ने कहा कि बच्चों को मानसिक रूप से समृद्धि करने के लिए स्कूल और कॉलेजों में भी योग सिखाया जाना चाहिए. हरेक लोगों को आज मानसिक रूप से समृद्ध करने की जरूरत है. हरेक लोगों की जिंदगी में कठिन समय आता है. इससे बचने की जरूरत है. सीआइपी को सेंटर फॉर एक्सलेंस बनाने के लिए प्रयास हो रहा है. इसके लिए प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और स्वास्थ्य सचिव से बात हुई है. रिनपास और सीअाइपी में जो कमियां है, उसे दूर करना चाहिए.
चिट्टी लिख कर दे अपनों को गिफ्ट : राज्य की चीफ पोस्ट मास्टर जनरल शशि शालिनी कुजूर ने कहा कि सोशल मीडिया के इस युग में चिट्ठी लिखने की परंपरा समाप्त होती जा रही है. इसे बनाये रखने की जरूरत है. यह अपनों के लिए एक गिफ्ट हो सकता है. पत्र लिखने से तनाव भी कम होता है. इस परंपरा को जीवित रखने में पोस्टल विभाग आपके साथ है. उन्होंने कहा कि सीअाइपी अग्रणी संस्था है. सीआइपी पूर्वी राज्य में डाक टिकट जारी करने वाला एकमात्र संस्थान है.
हर साल आ रहे हैं 85 हजार मरीज : सीआइपी के निदेशक डॉ डी राम ने कहा कि 1980 में यहां पांच हजार मरीज इलाज के लिए आते थे. अाज 85 हजार मरीज आ रहे हैं. संस्थान के विकास की गति कुछ धीमी है. इसके लिए जरूरी सहयोग चाहिए. लोगों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आज भी भ्रांतियां हैं. इसे दूर करने का प्रयास हो रहा है. इस मौके पर सीआइपी की वेबसाइट भी लांच की गयी.
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