मंगलवार को 157 बच्चे उपस्थित थे. स्कूल में तीन शिक्षक व तीन रसोइया हैं. संयोजिका स्वयं रसोइया का मानदेय लेती है. तीन-तीन रसोइया के रहते बच्चों से लकड़ी ढोने का काम कराया जाता है.
इस संबंध में स्कूल के प्रधानाध्यापक बलराम महतो ने कहा कि मंगलवार को कक्षा तीन से आठवीं तक के बच्चों की परीक्षा थी. तीनों शिक्षक परीक्षा लेने में व्यस्त थे. यदि बच्चों से लकड़ी मंगवाया गया है, तो संयोजिका जिम्मेवार है.