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बिना अनुमति सरकारी राशि बैंक में रखी, तो होगी कार्रवाई
रांची : पिछले दिनों मिड डे मील का करीब 100 करोड़ रुपया भानु कंस्ट्रक्शन के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था. मामला सामने आने के बाद तत्काल कारवाई करते हुए बैंक ने काफी पैसा रिकवर कर लिया, लेकिन इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिये थे. इसके बाद निर्णय लिया गया कि बिना […]
रांची : पिछले दिनों मिड डे मील का करीब 100 करोड़ रुपया भानु कंस्ट्रक्शन के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था. मामला सामने आने के बाद तत्काल कारवाई करते हुए बैंक ने काफी पैसा रिकवर कर लिया, लेकिन इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिये थे. इसके बाद निर्णय लिया गया कि बिना अनुमति सरकारी राशि बैंक खाता में रखी गयी, तो विभागीय कार्यवाही की जायेगी.
इसी सिलसिले में शनिवार को अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त अमित खरे ने बैंक खातों में रखी गयी सरकारी राशि की जांच व मिलान (रिकनसिलियेशन) का आदेश दिया है. उन्होंने लिखा है कि यदि कोई अधिकारी वित्त प्रभाग की अनुमति के बिना सरकारी राशि को बैंक में रखता है, तो उस पर विभागीय कार्यवाही की जायेगी. श्री खरे ने सारे खाते की जांच कराने को कहा है.
क्या कहा गया है निर्देश में
1
अपर मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, प्रमंडलीय आयुक्त, उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, कोषागार पदाधिकारी, उप–कोषागार पदाधिकारियों को कार्रवाई के संबंध में विस्तृत निर्देश दिया है.
2
अपने विभाग के अधीनस्थ सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों से यह सुनिश्चित कराया जाये कि योजना सह वित्त विभाग (वित्त प्रभाग) की अनुमति के बगैर संचालित बैंक खातों को अविलंब बंद करा कर उसकी राशि सरकारी कोष में जमा करायी जाये.
3
सरकारी राशि के व्यय में किसी भी तरह के विचलन या हानि के लिए संबंधित अधिकारी के विरुद्ध तत्काल अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए वित्त विभाग को अवगत करायी जाये.
4
जिन बैंक खातों को योजना–सह–वित्त विभाग (वित्त प्रभाग) की अनुमति से खोला गया है, उन खातों से भी निकासी में पूर्ण सतर्कता बरती जाये. इसके लिए बैंक खाता संचालन करने वाले पदाधिकारी एवं उनके इमेडिएट कंट्रोलिंग पदाधिकारी प्राथमिक रूप से उत्तरदायी होंगे.
5
वित्तीय वर्ष के अंत होने पर योजना मद की अवशेष राशि राज कोष में जमा करायी जाये.
6
बैंक खातों से कार्य एजेंसी के लिए अग्रिम राशि की निकासी हमेशा बैंक गारंटी के विरुद्ध की जाये.
7
विभाग के अधीन सभी कार्यालयों में संचालित विभिन्न बैंक खाते में रखी राशि का तथा व्यय के संबंध में अर्द्ध वार्षिक व वार्षिक अंकेक्षण विभागीय स्तर पर करायी जाये.
8
योजनाओं की राशि (विधायक योजना को छोड़कर) जो बैंक खातों में विगत वर्षों से खर्च नहीं हुई है यानी अनस्पेंट है और उसे पार्क राशि के रूप में रखी गई है उसे समुचित प्राप्ति शीर्ष में जमा करायी जाये.
9
लंबित डीसी बिल व लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्रों के सामंजन के संदर्भ में बैंक खातों-पीएल खातों में जमा राशि की योजनावार समीक्षा की जाये. साथ ही खर्च नहीं हुई राशि को सरकारी कोष में जमा करायी जाये.
10
उल्लेखनीय है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में भारत सरकार के निर्देशों के आलोक में योजना मद की राशि को बैंक खातों के माध्यम से खर्च करने की व्यवस्था है. इसका अभिप्राय यह नहीं है कि बैंक खातों में रखी गई राशि लंबी अवधि तक अनस्पेंट रखी जाये.
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