शरद पूर्णिमा के दिन श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर की पूजा करनी चाहिए. धन की बरसात होगी तथा सेहत का वरदान मिलेगा. इस दिन चंद्रमा सोलहों कला से परिपूर्ण रहता है, जो वर्ष में और कभी नहीं होता. आज के दिन चंद्रमा बलशाली होता है, जो धन, प्रेम और स्वास्थ्य को देनेवाला होता है. आज ही के दिन श्रीकृष्ण सोलहों कला के साथ पवित्र गोपियों के साथ रास रचाये थे.
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श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर में आज शरद पूर्णिमा महोत्सव
रांची: रातू रोड स्थित श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर (श्रीतिरूपति बालाजी) में पांच अक्तूबर को शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर विशेष पूजा की जायेगी. पूजा-अर्चना के बाद मंदिर का कपाट श्रद्धालुअों के लिए खोल दिया जायेगा. शरद पूर्णिमा के दिन घी, शक्कर युक्त खीर को चंद्रमा की चांदनी में रखने का तथा भगवान के समक्ष मांगलिक […]
रांची: रातू रोड स्थित श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर (श्रीतिरूपति बालाजी) में पांच अक्तूबर को शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर विशेष पूजा की जायेगी. पूजा-अर्चना के बाद मंदिर का कपाट श्रद्धालुअों के लिए खोल दिया जायेगा. शरद पूर्णिमा के दिन घी, शक्कर युक्त खीर को चंद्रमा की चांदनी में रखने का तथा भगवान के समक्ष मांगलिक गीत व मंगलमय कार्यों द्वारा जागरण करने का विधान है.
शरद पूर्णिमा के दिन श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर की पूजा करनी चाहिए. धन की बरसात होगी तथा सेहत का वरदान मिलेगा. इस दिन चंद्रमा सोलहों कला से परिपूर्ण रहता है, जो वर्ष में और कभी नहीं होता. आज के दिन चंद्रमा बलशाली होता है, जो धन, प्रेम और स्वास्थ्य को देनेवाला होता है. आज ही के दिन श्रीकृष्ण सोलहों कला के साथ पवित्र गोपियों के साथ रास रचाये थे.
व्रत के नियम : जल और फल ग्रहण कर उपवास रख सकते हैं. उपवास न कर सकें तो सात्विक आहार लें. सफेद वस्त्र धारण करें. रात में स्नान कर खीर बनायें. उसमें घी मिलायें और भगवान को अर्पण करें. फिर चंद्रमा की रोशनी के मध्य उस खीर को रखें. खीर को कांच, चांदी या मिट्टी के बर्तन में रखें. सुबह स्नान-ध्यान के बाद खीर को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें.
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