उन्होंने कहा कि झारखंड के बच्चों में असीम संभावनाएं हैं. उसे तराशने की जरूरत है़ आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब बच्चों को रास्ता नहीं दिखता है़ इन्हें रास्ता दिखाया जायेगा़ .
उन्होंने कहा कि पटना में आदिवासी बहुल इलाके से गरीब बच्चे पहुंच रहे हैं. उन्हें मार्गदर्शन देने का काम किया जा रहा है और बच्चे बेहतर कर रहे हैं. झारखंड में भी वह ये काम करना चाहते हैं. वह इसके लिए किसी से कुछ लेना नहीं चाहते, केवल हौसला अफजाई की जरूरत है़ उन्होंने कहा कि स्पीकर श्री उरांव के साथ सार्थक बातचीत हुई है़ स्पीकर ने श्री कुमार से झारखंड विधानसभा के विधायी शोध प्रकोष्ठ द्वारा समय-समय पर आयोजित होनेवाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया़.