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यह है RANCHI की महिलाओं की हेल्प करने वाली महिला हेल्पलाइन, जो खुद है हेल्पलेस

लता रानी रांची : पीड़ित महिलाओं के मदद के लिए राज्य में कार्यरत एक मात्र महिला हेल्प लाइन अब बंद हो गयी है. पीड़ित महिलाएं अब इंसाफ और न्याय के लिए रांची के एक्सआइएसएस गर्ल्स हॉस्टल कैंपस डंगरा टोली स्थित हेल्प लाइन का बंद दरवाजा देख वापस लौट रही है़ सरकार ने महिलाओं के हेल्प […]

लता रानी
रांची : पीड़ित महिलाओं के मदद के लिए राज्य में कार्यरत एक मात्र महिला हेल्प लाइन अब बंद हो गयी है. पीड़ित महिलाएं अब इंसाफ और न्याय के लिए रांची के एक्सआइएसएस गर्ल्स हॉस्टल कैंपस डंगरा टोली स्थित हेल्प लाइन का बंद दरवाजा देख वापस लौट रही है़
सरकार ने महिलाओं के हेल्प लाइन के नाम पर वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर का गठन कर दिया है जो रीनपास में स्थित है. पर इसकी जानकारी के अभाव में कई महिलाएं दर दर भटक रही है़ राजधानी का महिला हेल्प लाइन की नींव एक अक्तूबर 2004 को रखी गयी थी़
13 वर्ष के के बाद 10 अक्तूबर 2016 को सरकार ने इसे बंद करने का आदेश दिया़ आदेश के बाद मार्च 2017 में हेल्प लाइन पूरी तरह से बंद हो गया़ यहां के कई मामले अब भी लंबित पड़े है़ं
राज्य सरकार के सहयोग से जेवियर सामाजिक संस्थान की ओर से संचालित किया जा रहा था़ यहां आने वाले मामलों को कांउसलिंग के आधार न्याय भी मिल रहा था़ यहां तक की भूली भटकी व विक्षिप्त महिलाओं को भी रात में आश्रय देने का काम भी हेल्प लाइन ने किया़ महिलाओं को अन्य आश्रय भी उपलब्ध कराता रहा था़
लेकिन, अब यहां काम करने वाले बेरोजगार हो गये़ हेल्प लाइन 13 सदस्य टीम के साथ वर्षों से काम कर रहा था़ जिसमें एक दस सदस्यों के अलावा एक पारा प्रोफेशनल , एक सिटी कॉडिनेटर और एक स्टेट कॉडिनेट कार्यरत थे़
जब से महिला हेल्प लाइन की शुरुआत हुई थी़ तब से मैं वहां काउंसेलिंग किया करती थी़ बहुत सारे मामलों का निबटारा होता था़ हर शनिवार को काउंसेलिंग होती थी़
इसके बंद होने से महिलाओं को बहुत नुकसान हो रहा है़ महिलाओं को वहां तक पहुंचने में काफी आसानी होती थी़ अब हिंसा की शिकार महिलाएं हेल्प लाइन बंद होने के कारणों काे जानना चाह रही है़
वीणा सेठ्ठी, एडवोकेट डिस्ट्रीक कोर्ट हजारीबाग
जब से हेल्प लाइन की नींव रखी गयी तब से मैं वहां कार्यरत थी़ उस दौरान मुझे पैरालाइसीस हो गया़ जब में कुछ ठीक हुई तो वहां काम करने लगी.
अब हेल्प लाइन के बंद हो जाने से मैं बिल्कुल बेरोजगार हो गयी हू़ं मुझ पैरालाइसीस की इस स्थिति में देख कर अब कौन नौकरी देगा़ कभी मैं महिलाओं की मदद करती थी़ जब से यह हेल्प लाइन बंद हुई है. तब से मैं खुद मदद की गुहार लगा रहीं हूं.
इंदू कुमारी टूटी,सदस्य महिला हेल्प लाइन

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