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खाद्य सुरक्षा व पोषण में चीन से पिछड़ रहा है भारत

रांची: बच्चों व महिलाअों में खाद्य सुरक्षा, पोषण व एनिमिया के मामले में चीन की स्थिति भारत से बेहतर है. जबकि चीन की आबादी भारत से अधिक है. यह तथ्य खाद्य सुरक्षा व पोषण से संबंधित वर्ल्ड रिपोर्ट के अांकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है. फूड एंड एग्रीकल्चरल अॉर्गनाइजेशन अॉफ द यूनाइटेड नेशंस, यूनिसेफ, विश्व […]

रांची: बच्चों व महिलाअों में खाद्य सुरक्षा, पोषण व एनिमिया के मामले में चीन की स्थिति भारत से बेहतर है. जबकि चीन की आबादी भारत से अधिक है. यह तथ्य खाद्य सुरक्षा व पोषण से संबंधित वर्ल्ड रिपोर्ट के अांकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है.
फूड एंड एग्रीकल्चरल अॉर्गनाइजेशन अॉफ द यूनाइटेड नेशंस, यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डबल्यूएफपी), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचअो) तथा इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट (अाइफाड) ने यह रिपोर्ट मिल कर तैयार की है. सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी या टिकाऊ विकास लक्ष्य) के मद्देनजर दुनिया भर के 206 देशों में खाद्य सुरक्षा व पोषण की स्थिति में हो रहे सुधार के आंकलन के लिए यह रिपोर्ट बनी है.

वर्ष 2004-05 तथा वर्ष 2015-16 को मानक मान कर तैयार इस रिपोर्ट में ज्यादातर देशों में बच्चों व महिलाअों की स्थिति सुधरी है. दुनिया भर में बढ़ रहे मोटापा पर भी रिपोर्ट में चिंता जतायी गयी है. गौरतलब है कि दुनिया भर के देशों ने एसडीजी के तहत वर्ष 2030 तक भूख व कुपोषण के खात्मा का लक्ष्य निर्धारित किया है. दुनिया की महाशक्ति बनने की तरफ बढ़ रहे भारत व चीन की तुलना दो बड़ी अाबादी तथा विभिन्न मोर्चे पर प्रतियोगी देश होने के कारण भी की गयी है.

क्या है एसडीजी
संयुक्त राष्ट्र संघ ने सहस्राब्दि विकास लक्ष्य (मिलेनियम डेवलपमेंट गोल) के बाद दुनिया के लोगों का जनजीवन बेहतर करने तथा उनकी जीवन शैली सुधारने सहित पर्यावरण व अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) निर्धारित किया है. अब दुनिया के सभी देशों को इस 17 सूत्री लक्ष्य की प्राप्ति का ससमय प्रयास करना है. इनमें भूख व कुपोषण से पूरी तरह मुक्ति का लक्ष्य भी शामिल है. सभी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वर्ष 2030 तक का समय निर्धारित है.
भारत व चीन में खाद्य सुरक्षा व पोषण
मुद्दे भारत चीन
कुल आबादी 128 करोड़ 137 करोड़ (वर्ष 2015 में अनुमानित)
कुल कुपोषित लोग 19 करोड़ 13.47 करोड़
पांच साल तक के कमजोर बच्चे 2.6 करोड़ 18 लाख
पांच साल तक के नाटे बच्चे 4.75 करोड़ 74 लाख
मोटे (अोवरवेट) बच्चे अनुपलब्ध 52 लाख
15-49 वर्षीय महिलाअों में एनिमिया 17.56 करोड़ 9.5 करोड़
पांच वर्ष तक के बच्चे, जिन्होंने स्तनपान किया हो 1.67 करोड़ 46 लाख
(सभी आंकड़े वर्ष 2016 के तथा स्तनपान का अांकड़ा 2015 का)

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