रांची: झारखंड में प्रथम व द्वितीय चरण के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिला प्रशासन ने आधे से अधिक यात्री वाहनों को जब्त कर लिया है. इससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. लंबी दूरी की बसें जब्त होने के कारण राज्य से बाहर या दूसरे जिलों में जाने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. बसें नहीं रहने से लोग ऑटो और मिनीडोर से ही 100-100 किमी तक की यात्र कर रहे हैं. इससे खतरा तो उठाना ही पड़ रहा है, ज्यादा पैसों का भी भुगतान करना पड़ रहा है.
लंबी दूरी की बसों की कमी से ट्रेनों में भीड़ बढ़ गयी है. जो बसें बची हैं, उनमें 15 दिन पहले ही एडवांस बुकिंग हो गयी है. बाध्य होकर लोग बस की छतों पर बैठ कर यात्र कर रहे हैं. आइटीआइ बस स्टैंड, कांटाटोली बस स्टैंड व अन्य जगहों से मिनीडोर खुल रहे हैं.
वाहन मालिकों को घाटा
टैक्सी मेंस एसोसिएशन के योगेंद्र महतो ने बताया कि लगभग सभी ट्रैकरों को जब्त कर लिया गया है. प्रतिदिन की कमाई की तुलना में कम किराया दिया जाता है. प्रशासन की ओर से प्रत्येक ट्रैकर वालों को 400 रुपये दिये जाते हैं. आमतौर पर ट्रैकर प्रतिदिन 600 रुपये तक कमा लेते हैं. सिटी बसों का परिचालन करनेवाली आस्क सिक्यूरिटी सर्विसेज के एमडी धनंजय सिंह ने बताया कि चुनाव के दौरान जब्त बसों के लिए प्रतिदिन के हिसाब से 1100 रुपये दिये जाते है. हालांकि रोड में सौ किलोमीटर चलने पर 2200 रुपये की कमाई होती है.