संगठन ने दावा किया है कि झारखंड में करीब पांच हजार शिक्षक सहित देश में उनके करीब 9.5 लाख सदस्य हैं. एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव डॉ विजय कुमार पीयूष ने कहा कि अगर शिक्षकों की मांगों को इसी तरह दरकिनार किया गया, तो अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
शिक्षकों की ओर से कहा गया है कि सातवें वेतनमान के प्रस्तावित प्रावधानों को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा. इससे उच्च शिक्षा जगत में भारी नाराजगी है. आगामी आठ अक्तूबर को दिल्ली में शिक्षक नेताओं की अहम बैठक प्रस्तावित है. इसमें हड़ताल पर अंतिम फैसला लिया जायेगा.