बच्चों में बाैद्धिक विकास के साथ-साथ अपने देश व राज्य के विषय में नजदीक से जानने का अवसर मिलेगा. इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा आैर उनमें समझने की शक्ति बढ़ेगी. उनके व्यक्तित्व में निखार आयेगा. यह बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही. वह सोमवार को हटिया रेलवे स्टेशन पर आयोजित मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना के तहत स्कूली बच्चों के लिए विशेष ट्रेन को रवाना करने के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बच्चों के संपूर्ण बौद्धिक विकास के लिए शैक्षणिक भ्रमण का कार्यक्रम बनाया है. इसके लिए आइआरसीटीसी के साथ समझाैता किया गया है. सरकार की मंशा है कि गरीब बच्चे भी देश के दूसरे राज्यों का भ्रमण कर वहां की कला-संस्कृति से परिचित हो सकें. वहां की आबोहवा को समझ सकें. निजी स्कूलों में फीस लेकर शैक्षणिक भ्रमण कराया जाता है, लेकिन सरकार अपने खर्च पर सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले गरीब परिवार के बच्चों काे शैक्षणिक भ्रमण करा रही है. आज 950 बच्चे व बच्चों के साथ 50 शिक्षक भ्रमण पर जा रहे हैं. 3800 बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर भेजा जायेगा. योजना पर एक करोड़ रुपये खर्च होंगे.
मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं. बच्चों को सभ्य नागरिक बनाने का दायित्व शिक्षकों पर है. बच्चों को अच्छी शिक्षा दें. साथ जानेवाले शिक्षक बच्चों के अभिभावक की भूमिका निभायें और बच्चों को गाइड करने का काम करें. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने बच्चों के चयन के विषय में जानकारी देते हुए योजना पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को पढ़ने में रुचि है, उन्हें शैक्षणिक भ्रमण पर जाने के लिए चयन किया गया है. इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री दास ने मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना के तहत 950 बच्चों से भरी पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. यह ट्रेन नयी दिल्ली, आगरा आदि का भ्रमण करायेगी. ट्रेन में बच्चों के भोजन-पानी के साथ सुरक्षा की भी व्यवस्था की गयी है. इस अवसर पर डीआरएम विजय कुमार गुप्ता, डीसीएम नीरज कुमार, आइआरसीटीसी के अधिकारी देवाशीष चंद्रा, राज्य परियोजना निदेशक बी मुथुकुमार सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे.