रांची: हाइकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ (आर्थिक अपराध शाखा, रांची) ने 20 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ आठ प्राथमिकियां दर्ज की हैं. इन कंपनियों से जुड़े पदाधिकारियों व एजेंटों सहित कुल 87 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. अभियुक्तों की सूची में कंपनी से जुड़े रांची, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, जामताड़ा, लखनऊ, ओड़िशा, कोलकाता, बिहार और दिल्ली के लोगों के नाम शामिल हैं. इन कंपनियों के विरुद्ध पहले से राज्य के विभिन्न जिलों के थानों में प्राथमिकी दर्ज थी.
21 अप्रैल को हाइकोर्ट ने दिया था आदेश
झारखंड हाइकोर्ट ने पीआइएल सं 642/2016 की सुनवाई के बाद 21 अप्रैल 2017 को आदेश पारित किया. इसमें सीबीआइ को निर्देश दिया गया था कि वह चिटफंड कंपनियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच करे. न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआइ ने गिरिडीह में मेसर्स स्टार फाइनेंस, रामगढ़ में शशांक इंडस्ट्रीज, धनबाद में गुरुकुल प्रोजेक्ट और गुरुकुल ग्रुप ऑफ कंपनीज के अलावा रांची के लालपुर थाने में मेसर्स डीजीएन ग्रुप सहित 18 कंपनियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को जांच के लिए स्वीकार करते हुए नियमित प्राथमिकी दर्ज की.
25 हजार करोड़ से अधिक की ठगी!
समाचार एजेंसी के अनुसार, सीबीआइ ने 25 हजार करोड़ से अधिक की ठगी से जुड़े मामलों के जांच की जिम्मेदारी ली है. हालांकि दर्ज प्राथमिकी में राशि का उल्लेख नहीं किया गया है.
इन कंपनियों पर हुई प्राथमिकी
मेसर्स स्टार फाइनेंस
शशांक इंडस्ट्रीज (रामगढ़)
गुरुकुल प्रोजेक्ट
गुरुकुल ग्रुप ऑफ कंपनीज (धनबाद)
मेसर्स डीजीएन ग्रुप (रांची)
रोज वैली
माइक्रो लीजिंग एंड फंडिग (खूंटी)
नॉमर्स इंडस्ट्री लिमिटेड (खूंटी)
मल्टी नेशनल इंडस्ट्री लि (खूंटी)
रामे इंफोटेक प्राइवेट लि खूंटी
आइआरएल प्राइवेट लिमिटेड (खूंटी)
वेलफेयर बिल्डिंग प्राइवेट लि (खूंटी)
रियल विजन इंटरनेशनल (खूंटी)
सर्वोदय एग्रो पावर लिमिटेड (खूंटी)
टाटेनियम बिल्डिंग स्टेट प्रा लि (खूंटी)
मोरल क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी
एक्सल कोर बिजनेस
सेल इंडस्ट्री लिमिटेड
सेल रियालकन
बासिल इंटरनेशनल