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जनजातीय भाषा को लेकर मिली शिकायत के बाद गवर्नर ने कहा जनजातीय भाषाओं की लिपि का विकास करे रांची विवि

रांची: राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा है कि रांची विवि जनजातीय भाषाओं की लिपि के विकास के लिये कार्य करे, ताकि अपनी लिपि में ही छात्र परीक्षा दें सके. साथ ही स्नातकोत्तर जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग के सभी नौ भाषाओं के लिए अलग-अलग विभाग खोले जायें. सबसे पहले कुड़ुख, मुंडारी एवं नागपुरी […]

रांची: राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा है कि रांची विवि जनजातीय भाषाओं की लिपि के विकास के लिये कार्य करे, ताकि अपनी लिपि में ही छात्र परीक्षा दें सके. साथ ही स्नातकोत्तर जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग के सभी नौ भाषाओं के लिए अलग-अलग विभाग खोले जायें.

सबसे पहले कुड़ुख, मुंडारी एवं नागपुरी में छात्रों की संख्या को देखते हुए तत्काल इन भाषाओं के लिए अलग विभाग शुरू करने की कार्रवाई की जाये. इसके अलावा राज्य के सभी विवि में छात्रों की संख्या के आधार पर किन-किन जनजातीय भाषाओं के लिये अलग- अलग विभाग खोले जा सकते हैं. इसकी रिपोर्ट एक माह के अंदर तैयार कराना सुनिश्चित करायें. श्रीमती मुर्मू बुधवार को राजभवन के सभाकक्ष में जनजातीय भाषा विभाग के विकास को लेकर बैठक कर रही थीं.

नौकरी मिलने में इसलिए होती है परेशानी: बताया गया कि रांची विवि द्वारा स्नातकोत्तर (एमए) जनजातीय भाषा विभाग के छात्रों को जो डिग्री दी जाती है, उसमें विषय की जगह सिर्फ जनजातीय भाषा लिखा जाता है. जिसके कारण विद्यार्थियों को बाहर के राज्यों में नौकरी प्राप्त करने के परेशानी होती है. जबकि डिग्री में कुडुख,संताली, मुंडारी आदि भाषा के साथ एमए लिखा जाना चाहिये. राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय भाषा के कुछ छात्रों द्वारा भी उन्हें इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है. इस दिशा में प्रक्रिया के तहत कार्य किये जायें. रांची विवि के वीसी प्रो रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार द्वारा जनजातीय भाषा विभाग के नये भवन के लिये चार करोड़ रुपये का आवंटन मिल गया है. बैठक में नये भवन का प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया.
प्लस टू के छात्रों को नहीं हो असुविधा
राज्यपाल ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि मैट्रिक स्तर पर जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई करने के बाद छात्रों को प्लस टू में असुविधा नहीं हो. यह भी निर्देश दिया कि रांची विवि द्वारा इस वर्ष दो अक्तूबर को गांधी जयंती पर पांच सौ अनुबंधित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की व्यवस्था की जाये. प्रो पांडेय ने बताया कि वर्तमान में 593 छात्र जनजतीय भाषा विभाग में अध्ययन कर रहे हैं. इस विभाग में विदेशों से भी विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. टोक्यो विवि में भी कुड़ुख भाषा की पढ़ाई होती है. रांची विवि के अंतर्गत विभिन्न कॉलेज में जनजातीय भाषाओं के 51 शिक्षक कार्यरत हैं,जिनकी नियुक्ति वर्ष 1986 में हुई थी एवं 2005 से जेपीएससी द्वारा उन्हें नियमित किया गया है. राज्यपाल के प्रधान सचिव एसके सत्पथी, राज्यपाल के शैक्षणिक सलाहकार डॉ आनंद भूषण, उच्च व तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास सचिव अजय कुमार सिंह, स्नातकोत्तर जनजातीय भाषा विभाग के अध्यक्ष डॉ टीएन साहू आदि उपस्थित थे.

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