सीएम डीसी-एसपी के साथ विभिन्न मामलों की समीक्षा प्रोजेक्ट भवन में कर रहे थे. इस मामले में पिछले दिनों खुफिया विभाग ने सरकार को रिपोर्ट भेजी थी. इसमें पाकुड़ पुलिस और वहां के अफसर की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये गये थे. सूत्रों के मुताबिक इस प्रकरण में वारा-न्यारा किये जाने का अंदेशा भी व्यक्त किया गया था. डेढ़ माह पूर्व पीएफआइ से जुड़े लोगों ने पाकुड़ में जुलूस निकाला था. इस दौरान इस संगठन से जुड़े लोगों की पुलिस से झड़प हो गयी थी. इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. मामले में संगठन के उपाध्यक्ष सहित करीब 43 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लेकिन समय पर घायल पुलिसवालों की इंज्यूरी रिपोर्ट कोर्ट में जमा नहीं की गयी और उनको जमानत मिल गयी. जबकि यह संगठन पाकुड़ और साहेबगंज जिले में लगातार चुनौतियां पेश कर रहा है. पुलिस की इस कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्री नाराज दिखे.
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मुख्यमंत्री ने पाकुड़ एसपी से पूछा : क्या कर रहे थे, पीएफआइ से जुड़े लोग कैसे छूटे बेल पर
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चर्चित संगठन पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआइ) से जुड़े लोगों को जमानत मिलने पर पाकुड़ एसपी शैलेंद्र वर्णवाल से बुधवार को जवाब तलब किया. उनसे पूछा कि आखिर कैसे इस संगठन से जुड़े लोगों को जमानत मिल गयी. क्या कर रहे थे आप. क्यों नहीं घायल पुलिस वालों की […]
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चर्चित संगठन पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआइ) से जुड़े लोगों को जमानत मिलने पर पाकुड़ एसपी शैलेंद्र वर्णवाल से बुधवार को जवाब तलब किया. उनसे पूछा कि आखिर कैसे इस संगठन से जुड़े लोगों को जमानत मिल गयी. क्या कर रहे थे आप. क्यों नहीं घायल पुलिस वालों की इंज्यूरी रिपोर्ट समय पर कोर्ट में जमा की गयी. यह सब नहीं चलेगा.
सीएम डीसी-एसपी के साथ विभिन्न मामलों की समीक्षा प्रोजेक्ट भवन में कर रहे थे. इस मामले में पिछले दिनों खुफिया विभाग ने सरकार को रिपोर्ट भेजी थी. इसमें पाकुड़ पुलिस और वहां के अफसर की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये गये थे. सूत्रों के मुताबिक इस प्रकरण में वारा-न्यारा किये जाने का अंदेशा भी व्यक्त किया गया था. डेढ़ माह पूर्व पीएफआइ से जुड़े लोगों ने पाकुड़ में जुलूस निकाला था. इस दौरान इस संगठन से जुड़े लोगों की पुलिस से झड़प हो गयी थी. इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. मामले में संगठन के उपाध्यक्ष सहित करीब 43 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लेकिन समय पर घायल पुलिसवालों की इंज्यूरी रिपोर्ट कोर्ट में जमा नहीं की गयी और उनको जमानत मिल गयी. जबकि यह संगठन पाकुड़ और साहेबगंज जिले में लगातार चुनौतियां पेश कर रहा है. पुलिस की इस कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्री नाराज दिखे.
महत्वपूर्ण तथ्य
सीएम ने रांची के अलावा देवघर जिले में क्राइम की घटना पर लगाम लगाने का निर्देश अफसरों को दिया. कहा कि रांची में एस ड्राइव क्यों नहीं चल रहा है.
उग्रवादी संगठन एसीपीसी के नेक्सस को खत्म करने का निर्देश चतरा और हजारीबाग एसपी काे दिया गया.
विशेष शाखा को कहा कि वह किसी मामले को लेकर दो-तीन दिन पहले सूचना जारी करे, ताकि समय रहते उस पर संबंधित अधिकारी कार्रवाई कर सकें.
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