कार्डियोथोरेसिक एवं वास्कुलर सर्जरी विभाग को शुरू करने के लिए पहले मैनपावर को पूरा किया जायेगा. इसके बाद उपकरणों के मंगाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. प्रबंधन और विभाग का मानना है कि बिना मैनपावर के उपकरण पड़े रह जाते हैं. एेसे में मैनपावर की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जा रही है. इधर, कार्डियेक सर्जरी शुरू हो जाने से मरीजों को कम कीमत पर हार्ट की सर्जरी हो पायेगी. सीटीवीएस में नौ डॉक्टरों को नियुक्त किये जाने की योजना है. इसमें तीन असिस्टेंट प्रोफेसर, तीन कार्डियेक एनेस्थेटिक, तीन इंटेंसिव केयर स्पेशलिस्ट शामिल हैं. इसके अलावा तीन एसआर भी नियुक्त किये जायेंगे. डॉक्टरों के साथ-साथ 50 ट्रेंड स्टाफ नर्स, चार ओटी टेक्नीशियन की भी नियुक्ति का प्रस्ताव है.
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खुशखबरी! जनवरी से रिम्स में ओपेन हार्ट सर्जरी
रांची : स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स प्रबंधन से नये रूप में मैनपावर का प्रस्ताव मांगा है. जानकारी के अनुसार रिम्स 90 कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजेगा. इससमें असिस्टेंट प्रोफेसर (डॉक्टर), सीनियर रेसीडेंट, एनेस्थेटिक, इंटेंसिव केयर स्पेशलिस्ट, परफ्यूजनिस्ट, ट्रेंड स्टाफ नर्स शामिल हैं. कार्डियोथोरेसिक एवं वास्कुलर सर्जरी विभाग को शुरू करने के लिए पहले मैनपावर […]
रांची : स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स प्रबंधन से नये रूप में मैनपावर का प्रस्ताव मांगा है. जानकारी के अनुसार रिम्स 90 कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजेगा. इससमें असिस्टेंट प्रोफेसर (डॉक्टर), सीनियर रेसीडेंट, एनेस्थेटिक, इंटेंसिव केयर स्पेशलिस्ट, परफ्यूजनिस्ट, ट्रेंड स्टाफ नर्स शामिल हैं.
कार्डियोथोरेसिक एवं वास्कुलर सर्जरी विभाग को शुरू करने के लिए पहले मैनपावर को पूरा किया जायेगा. इसके बाद उपकरणों के मंगाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. प्रबंधन और विभाग का मानना है कि बिना मैनपावर के उपकरण पड़े रह जाते हैं. एेसे में मैनपावर की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जा रही है. इधर, कार्डियेक सर्जरी शुरू हो जाने से मरीजों को कम कीमत पर हार्ट की सर्जरी हो पायेगी. सीटीवीएस में नौ डॉक्टरों को नियुक्त किये जाने की योजना है. इसमें तीन असिस्टेंट प्रोफेसर, तीन कार्डियेक एनेस्थेटिक, तीन इंटेंसिव केयर स्पेशलिस्ट शामिल हैं. इसके अलावा तीन एसआर भी नियुक्त किये जायेंगे. डॉक्टरों के साथ-साथ 50 ट्रेंड स्टाफ नर्स, चार ओटी टेक्नीशियन की भी नियुक्ति का प्रस्ताव है.
मैनपावर सबसे जरूरी : रिम्स प्रबंधन पहले मैनपावर को प्राथमिकता इसलिए दे रहा है, क्योंकि इसके बिना कई मशीनें पड़ी रह जाती हैं. रिम्स का यूरोलॉजी विभाग इसका प्रमाण है. टेक्नीशियन नहीं होने के कारण एक्सट्राकाॅरपोरल शॉक वेव लिथोट्रेप्सी (इएसडब्लूएल) मशीन का उपयोग नहीं किया जा रहा है. मशीन से ऑपरेशन के लिए कीमत भी तय कर दी गयी है, लेकिन इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है. राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में हार्ट की सर्जरी की सुविधा नहीं है. ऐसे में मरीजों को निजी अस्पताल में सर्जरी करनी पड़ती है, जिसमें मरीजों को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है.
तीन महीने में सर्जरी शुरू होने की उम्मीद : त्रिपाठी
रिम्स ने बड़ी संख्या में मैनपावर की मांग की थी. प्रथम चरण में कुछ मैनपावर को कम करने के लिए कहा गया है. उनकी ओर से नये सिरे से प्रस्ताव आने के बाद रोस्टर क्लियरेंस किया जायेगा. मैनपावर भरने में एक माह लगेगा. वहीं, सर्जरी शुरू होने में तीन माह का समय तो लग ही जायेगा.
सुधीर त्रिपाठी, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग
सरकार को भेजा गया मैनपावर का प्रस्ताव
असिस्टेंट प्रोफेसर 03
कार्डियेक एनेस्थेटिक 03
इंटेंसिव केयर स्पेशलिस्ट 03
सीनियर रेसीडेंट 03
स्टाफ नर्स 50
परफ्यूजनिस्ट 05
ओटी असिस्टेंट 04
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