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झारखंड में रहते हुए माओवादी सुधाकरण ने चार करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की

रांची : भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी का सदस्य व झारखंड का कमांडर सुधाकरण ने झारखंड में रहते हुए चार करोड़ से अधिक रुपये की वसूली की. उसने सारे रुपये तेलंगाना में अपने परिवार और व्यवसाय में निवेश किये हैं. सुधाकरण ने संगठन के सदस्य व व्यावसायिक पार्टनर सत्यनारायण रेड्डी को बताया है कि माओवादी […]

रांची : भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी का सदस्य व झारखंड का कमांडर सुधाकरण ने झारखंड में रहते हुए चार करोड़ से अधिक रुपये की वसूली की. उसने सारे रुपये तेलंगाना में अपने परिवार और व्यवसाय में निवेश किये हैं. सुधाकरण ने संगठन के सदस्य व व्यावसायिक पार्टनर सत्यनारायण रेड्डी को बताया है कि माओवादी संगठन अब नाम मात्र का रह गया है़. उसका उद्देश्य है संगठन में रहते हुए जितना हो सके संपत्ति अर्जित कर ले और उसके बाद आत्मसमपर्ण कर दे, ताकि परिवार की जिंदगी आराम से कट सके़ सुधाकरण की पत्नी वेदमुल्ला अरुणारेड्डी उर्फ माधवी उर्फ नीलिमा बस्तर एरिया कमेटी की सचिव है़ वर्ष 2015 में सुधाकर झारखंड आया़ दिसंबर 2015 में सुधाकरण की पत्नी एक छोटी सी बीमारी के बहाने संगठन के आठ लाख रुपये घर लेकर गयी थी और तीन महीना तेलंगाना में रही़ वहां से वह एक सहयोगी को लेकर गारू के जंगल आ गयी़ फिर तेलंगना लौटनेे दौरान सुधाकरण व माधवी ने एक सहयोगी को दस लाख रुपये लेकर घर भेजा था़ इस प्रकार संगठन का काफी पैसा वह अपने घर भेज चुका है़.

1990 में पीडब्ल्यूजी में शामिल हुआ था सुधाकरण : एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि वर्तमान में भाकपा माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी का सदस्य सुधाकरण वर्ष 1990 में पीपुल्स वार ग्रुप ( पीडब्लूजी) में शामिल हुआ था़ उस समय वह 12वीं का छात्र था़ उस समय उसे पीडब्लूजी में चैनुर (अब तेलंगाना के मनचेरियल जिला) का एरिया कमांडर बनाया गया़ सितंबर 2004 में आंध्रप्रदेश में उसे एक महत्वपूर्ण पद सौंपा गया था़ बाद में उसे छत्तीसगढ़ में सेंट्रल कमेटी का मेंबर बनाया गया़ सेंट्रल कमेटी में रहते हुए 2016 में वह झारखंड आ गया. उसने झारखंड में रहते हुए पद का दुरुपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर संगठन का पैसा अपने घर भेजा़ उसका सही नाम सब्बाजी उर्फ उग्गु उर्फ सुधाकर उर्फ किरण है़.

ठेका मैनेज करता है व स्वयं ठेका भी लेता है सुधाकरण : सुधाकरण कई सरकारी ठेका मैनेज करता है, साथ ही कई ठेका स्वयं भी लेता है. ठेका पेटी ठेकेदारों को देकर अपना काम करता है. उद्योगपति, खनन कार्य में लगे व्यवसायी, ठेकेदार,केंदु पत्ता व्यवसायी से लेवी वसूलना भी सुधाकरण का काम है़ लेवी के कुछ रुपये वह संगठन के लिए खर्च करता है और बाकी रुपये अपने घर भेजता है. उसने तेलंगाना में कई व्यवसाय में रुपये लगाये हैं. वहां उसके परिवार के कई सदस्य बड़े व्यवसायी के रूप में स्थापित हैं.

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