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हाल टाटीसिलवे सब डिवीजन का : तीन स्थायी लाइनमैन; दो महिला, एक वृद्ध

रांची : टाटीसिलवे सब डिवीजन में विद्युत आपूर्ति के तीन सेक्शन हैं. रामपुर, टाटीसिलवे और अनगड़ा. तीनों सेक्शन टाटीसिलवे सब स्टेशन से संचालित होते हैं. टाटीसिलवे सब डिवीजन के इन तीनों इलाके में हाइ टेंशन के कुल 52 तथा लो टेंशन (घरेलू) के करीब 37 हजार उपभोक्ता हैं. इतने वृहद इलाके में विद्युत आपूर्ति सामान्य […]

रांची : टाटीसिलवे सब डिवीजन में विद्युत आपूर्ति के तीन सेक्शन हैं. रामपुर, टाटीसिलवे और अनगड़ा. तीनों सेक्शन टाटीसिलवे सब स्टेशन से संचालित होते हैं. टाटीसिलवे सब डिवीजन के इन तीनों इलाके में हाइ टेंशन के कुल 52 तथा लो टेंशन (घरेलू) के करीब 37 हजार उपभोक्ता हैं.

इतने वृहद इलाके में विद्युत आपूर्ति सामान्य रखने तथा किसी खराबी की मरम्मत के लिए तीन स्थायी (परमानेंट) लाइन मैन हैं. इनमें दो महिलाएं और एक पुरुष एम लिंडा हैं. इन तीनों को बैठा कर वेतन दिया जा रहा है. श्री लिंडा ने तो पहले लाइन मैन का काम किया भी है. पर अनुकंपा पर बहाल दोनों महिला लाइनमैन को बिजली के खंभे पर चढ़ने को नहीं कहा जा सकता. लिहाजा इन्हें बगैर काम के वेतन मिलता रहा है. कायदे से इनसे कोई अौर काम लिया जाना चाहिए था.

इधर, रिटायरमेंट की कगार पर खड़े लाइनमैन श्री लिंडा भी अब पोल पर चढ़ने या किसी बड़े मरम्मत कार्य में असमर्थ हैं. इस परिस्थिति में मरम्मत सहित अन्य कार्य के लिए दैनिक भुगतान के आधार पर चार लाइनमैन रखे गये हैं. पर बड़े इलाके तथा उपभोक्ताअों खास कर हाइटेंशन उपभोक्ताअों की भी बड़ी संख्या के कारण ये अपर्याप्त हैं. यही वजह है कि सब डिवीजन क्षेत्र में फ्यूज बदलने जैसे मामूली कार्य के लिए उपभोक्ताअों को अक्सर लंबा इंतजार करना पड़ता है. आंधी-पानी के कारण एक साथ अायी कई खराबी के दौरान तो व्यवस्था चरमरा जाती है. इसलिए लाइनमैन की संख्या बढ़ाने की मांग टाटीसिलवे सब डिवीजन के उपभोक्ता लंबे समय से करते रहे हैं.
जरूरत 10 मेगावाट, उपलब्धता चार-पांच मेगावाट : टाटीसिलवे सब स्टेशन को सामान्य तौर पर छह मेगावाट तथा पिक आवर में 10 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है. यह जरूरत नामकुम व हटिया फीडर से पूरी की जाती है. दोनों फीडर से अधिकतम पांच-पांच मेगावाट बिजली सब स्टेशन को मिलती है. पर हटिया फीडर में गत दो माह से जारी खराबी के कारण सिर्फ नामकुम फीडर से चार-पांच मेगावाट बिजली ही मिल पा रही है. इससे इलाके में लोड शेडिंग की समस्या गंभीर बनी हुई है.
बार-बार खराबी : हटिया फीडर गत दो माह से खराब चल रहा है. इसे बार-बार ठीक तो किया जा रहा है. पर एक-दो दिन में ही इंसुलेटर पंक्चर होने सहित अन्य खराबी आ जा रही है. इस फीडर के तुपुदाना से टाटीसिलवे तक करीब 20 किमी लंबी लाइन के हर पोल में चेकिंग का काम टाटीसिलवे सब स्टेशन के जेइ के लिए सिरदर्द बना हुआ है. तीन दिन पहले भी फीडर लाइन को ठीक किया गया था. पर रविवार की शाम इसमें फिर खराबी आ गयी है.

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