जानकारी के मुताबिक बड़ी संख्या में बोर्ड के फ्लैट खाली पड़े थे. बोर्ड ने 2001 या इसके बाद भी इन फ्लैट को रेंट पर आवंटित किया. लोग लगातार इसके लिए रेंट का भुगतान भी करते रहे. दो साल पहले बोर्ड के एमडी बन कर दिलीप झा आये. उन्होंने एक आदेश जारी किया, जिसमें यह कहा गया कि बोर्ड के फ्लैट को रेंट में देने का कोई प्रावधान नहीं है.
ऐसे में रेंट पर फ्लैट देना सही नहीं है. इसके बाद लोगों से रेंट लेना बंद कर दिया गया, लेकिन बाद में पुन: लोगों से रेंट लेना शुरू कर दिया गया. दो माह पहले तक लोग रेंट का भुगतान करते रहे, पर अब जाकर रेंट लेने से मना किया जा रहा है.