रांची: झारखंड चुनावी माहौल में रंगता जा रहा है. इस रंग में राजनीतिक दलों के अलावा विभिन्न प्रकार के सामाजिक संगठन, जातीय संगठन, धार्मिक संगठन भी गोलबंद हो रहे हैं. अपने-अपने तरीके से अपने समर्थक दल के लिए जोर लगा रहे हैं.
पर बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाने से लेकर भाजपा में प्रत्याशी तय कराने तक समय-समय पर संघ का नाम उछलता रहा है.
झारखंड में संघ ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. हाल ही में लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद रांची के मोरहाबादी मैदान में संघ द्वारा एकल संगम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में सरसंघ चालक मोहन राव भागवत भी आये थे. बड़ी संख्या में एकल विद्यालय के कार्यकर्ता भी आये थे. वहीं भाजपा के बड़े नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे. संघ पिछले छह महीनों से चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ है. इसके स्वयंसेवक गांव-गांव जाकर मतदाताओं को जागरूक कर रहे हैं. हालांकि संघ प्रत्यक्ष रूप से किसी पार्टी विशेष या व्यक्ति विशेष के समर्थन से इनकार करता है, पर यह जरूर कहते हैं कि संघ राष्ट्रवादी सोच वाले लोगों का समर्थन करता है. उनके लिए काम भी करता है. जाहिर है अप्रत्यक्ष रूप से कहीं न कहीं इशारा भाजपा की ओर है.
शत प्रतिशत हो मतदान
संघ की सोच है कि शत प्रतिशत मतदान हो. यही नारा देकर संघ के कार्यकर्ता गली-गली जा रहे हैं. लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि अपना मतदान जरूर करें. ग्रास रूट स्तर पर कार्यकर्ता पूर्व में वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए काम करते रहे. खासकर गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, खूंटी, रांची, चाईबासा, प. सिंहभूम व संताल-परगना के इलाकों में इनकी सक्रियता काफी रही. अभी भी कार्यकर्ता लोगों से मतदान करने की अपील को लेकर घर-घर जा रहे हैं. हालांकि कार्यकर्ता कहीं भी नरेंद्र मोदी या भाजपा का नाम नहीं लेते. पर यह जरूर कहते हैं कि वैसी पार्टी को वोट दें जो राष्ट्रवादी सोच रखती हो, जो भारत की बात करता हो. देशहित में राष्ट्रवादी विचारधारा वाली पार्टी की सरकार लाने की बात करते हैं.
संघ के स्वयंसेवक पहले घरों में जाते हैं, चुनाव को लेकर लोगों की बातें सुनते हैं.
स्वंयसेवक फिर अपनी बात बताते हैं. 10 सालों में महंगाई, तुष्टीकरण, आतंकवाद व भ्रष्टाचार के बाबत लोगों को जानकारी दी जाती है.
फिर अंत में उनसे अपील की जाती है कि राष्ट्रवादी सोच वाली पार्टी या व्यक्ति को ही वोट करें.
क्या कहता है संघ
सरसंघ चालक जी का उद्बोधन था कि कार्यकर्ता राष्ट्र के नवनिर्माण में लगे हैं किसी व्यक्ति विशेष की पूजा नहीं करते. कार्यकर्ताओं की अपनी स्वतंत्रता है कि अपने विचार से राष्ट्र निर्माण के लोगों को प्रभावित करें. जो राष्ट्रवादी सोच के नजदीक हैं या संघ के विचारों के नजदीक है, उनके बाबत भी जानकारी दी जाती है. ग्रास रूट स्तर पर संघ के कार्यकर्ताओं ने मतदाता सूची में नाम जोड़वाने के लिए सक्रिय भूमिका निभायी है. संघ की सोच है कि शत प्रतिशत मतदान हो. यह काम छह माह पहले से ही चल रहा है.
संजय कुमार आजाद
प्रांत प्रमुख विश्व संवाद केंद्र(संघ का प्रचार केंद्र)