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राम जानकी मंदिर ट्रस्ट की भूमि अवैध तरीके से बेचने के मामले में तपोवन मंदिर के महंत पर प्राथमिकी
रांची : राम जानकी तपोवन मंदिर ट्रस्ट की भूमि अवैध तरीके से बेचने के मामले में सीबीआइ रांची की एसीबी शाखा ने प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें मंदिर के पुजारी महंत रामशरण दास को नामजद किया गया है. अज्ञात अभियुक्तों में आरआरडीए के अधिकारियों और अन्य को शामिल किया गया है. सीबीआइ ने यह प्राथमिकी […]
रांची : राम जानकी तपोवन मंदिर ट्रस्ट की भूमि अवैध तरीके से बेचने के मामले में सीबीआइ रांची की एसीबी शाखा ने प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें मंदिर के पुजारी महंत रामशरण दास को नामजद किया गया है.
अज्ञात अभियुक्तों में आरआरडीए के अधिकारियों और अन्य को शामिल किया गया है. सीबीआइ ने यह प्राथमिकी हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में दर्ज की है.
प्राथमिकी में यह कहा गया है कि महंत राम दास ने गलत नीयत से12 मई 1987 को निबंधित डीड रद्द किया. इसके बाद 20 सितंबर 2005 को राम जानकी मंदिर ट्रस्ट के लिए नया डीड बनाया. इसमें महंत ने खुद को ट्रस्ट का संस्थापक और स्व जानकी जीवन शरण का शिष्य बताया. ऐसा करने का उद्देश्य ट्रस्ट की जमीन का गलत इस्तेमाल करना है.
महंत ने तथ्योें को छिपाते हुए ट्रस्ट की जमीन की खरीद-बिक्री के लिए ज्यूडिशियल कमीश्नर से अनुमति भी ले ली. बहुमंजिली इमारत के लिए गलत तरीके से नक्शा पास करनो में आरआरडीए के अधिकारियों ने मदद की. महंत ने गलत तरीके से कई लोगों के साथ ट्रस्ट की जमीन पर बहुमंजिली इमारत बनाने के लिए एकरारनामा किया और ट्रस्ट की जमीन बेची. याचिकाकर्ता के मुताबिक तपोवन मंदिर ट्रस्ट को 1948 में करीब 16.43 एकड़ जमीन भगवान राम के नाम पर दान में मिली थी. वर्ष 2005 में नया डीड बनाया गया. इसमें जमीन ट्रांसफर का क्लॉज जोड़ा गया. फिर 10 एकड़ जमीन बेच दी गयी. अब ट्रस्ट के पास सिर्फ 6.43 एकड़ जमीन ही बची है.
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