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बाबूलाल मरांडी ने सरकार से पूछे कई सवाल, दी चेतावनी सदन से सड़क तक होगा धर्मांतरण बिल का विरोध

रांची : विपक्षी एकता के नाम पर आयोजित प्रेस वार्ता में झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड धर्म स्वतंत्रता विधेयक-17 संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. इसका विपक्ष के सदस्य सदन से लेकर सड़क तक विरोध करेंगे. बिहार क्लब में सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में श्री मरांडी ने कहा कि धर्म […]

रांची : विपक्षी एकता के नाम पर आयोजित प्रेस वार्ता में झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड धर्म स्वतंत्रता विधेयक-17 संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. इसका विपक्ष के सदस्य सदन से लेकर सड़क तक विरोध करेंगे. बिहार क्लब में सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में श्री मरांडी ने कहा कि धर्म की स्वतंत्रता प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है. संविधान में इसके प्रचार-प्रसार का अधिकार भी दिया गया है. कोई भी सरकार व्यक्ति के मौलिक अधिकार के हनन से जुड़ा कानून नहीं बना सकती है.

यह समाज को तोड़ने का षडयंत्र है. जबरन धर्मांतरण पर आइपीसी में कार्रवाई का प्रावधान है. सरकार लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता समाप्त करने का प्रयास कर रही है. सरकार बने साढ़े 16 साल हो गये. सरकार को यह बताना चाहिए कि इतनी अवधि में जबरन धर्मांतरण के कितने मामले दर्ज हुए. 1951 से 2011 तक धार्मिक जनगणना में किस धर्म के कितने लोग थे.

इससे पता चल पायेगा कि कितने लोग दूसरे धर्म में गये. क्या सरकार वर्षों से संघर्ष कर रहे आदिवासियों के लिए सरना कोड लागू करेगी. सरकार यह बतायेगी कि आदिवासी कौन सा धर्म मानते हैं. सरकार को यह बताना चाहिए, ताकि आदिवासियों की परंपरा को संरक्षित किया जा सके. मौके पर भाकपा के महेंद्र पाठक और अजय सिंह तथा कांग्रेस के राकेश सिन्हा भी मौजूद थे.

यह कैसी विपक्षी एकता?
सोमवार को विपक्षी दलों की प्रेस वार्ता बिहार क्लब में बुलायी गयी थी. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो नेता बाबूलाल मरांडी को बुलाया गया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को हिस्सा लेना था. अन्य विपक्षी दलों के भी वरीय नेताओं को प्रेस से बात करनी थी. शाम चार बजे से आयोजित प्रेस वार्ता से करीब पांच मिनट पहले बाबूलाल मरांडी वहां आ गये. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारी राकेश सिन्हा लोगों की आगवानी कर रहे थे. थोड़ी देर में भाकपा के अजय सिंह आये. प्रेस वार्ता में पदाधिकारियों के बैठने के लिए छह लोगों की कुरसी थी.

बाद में दो कुरसी हटा दी गयी. करीब 10 मिनट इंतजार के बाद प्रेस वार्ता शुरू हुई. प्रेस को श्री मरांडी ने संबोधित किया. राकेश सिन्हा ने स्वागत किया. भाकपा के कार्यालय सचिव अजय सिंह और महेंद्र पाठक ने बोलने से इनकार कर दिया. कांग्रेस, झाविमो व भाकपा के अतिरिक्त किसी दल के कोई प्रतिनिधि भी नहीं आये. क्या यही विपक्षी एकता है ? पूछे जाने पर श्री मरांडी ने कहा कि इस मुद्दे पर हम सब साथ हैं. समय पर सभी दिखेंगे भी. सीएनटी मुद्दे पर हम लोगों ने मिलकर और अलग-अलग भी लड़ाई लड़ी थी. तब सरकार को झुकना पड़ा था.

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