बताया जा रहा है कि चेक डैम के निर्माण में शुरू से ही गड़बड़ी की जा रही थी, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने विभाग के पदाधिकारियों से की थी. तब इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. गनीमत यह रही कि चेक डैम के मुख्य बियर में पानी की निकासी के लिए बने तीन आउटलेट को खुला छोड़ दिया गया था जिसके चलते पूरा चेक डैम क्षतिग्रस्त होने से बच गया है. नाला छोड़ खेत के किनारे बने इस चेक डैम के निर्माण के औचित्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि चेक डैम के डाउन स्ट्रीम के अंत में नाला है ही नहीं, वहां पर धान का खेत है.
करीब 45 लाख की लागत से बने एक चेक डैम के एक बरसात में ही टूट जाने की सूचना मिलने पर प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष सतीश कुमार ने टीम के साथ सोमवार को चेक डैम का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद इसकी स्थिति देख उन्होंने मौके पर ही विभाग के सहायक अभियंता से बात की. उन्होंने चेक डैम की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे चान्हो में बने तमाम चेक डैम की उच्चस्तरीय जांच करायेंगे. निरीक्षण के क्रम में उनके साथ बीस सूत्री उपाध्यक्ष लवनाथ साही, सतनंद सिंह, सफीक आलम मौजूद थे.