रांची: राज्य के इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कांट्रैक्ट पर शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. कैबिनेट की स्वीकृति के बाद उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने इसका संकल्प जारी कर दिया है. शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अगस्त के प्रथम सप्ताह में शुरू होगी. 22 सितंबर तक नियुक्ति की प्रक्रिया पूरा करने के लिए लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए एक-दो दिनों में कमेटी गठित कर दी जायेगी. राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति होने तक कांट्रैक्ट पर शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया है. कांट्रैक्ट पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन समिति का गठन किया जायेगा.
इंजीनियरिंग कॉलेजों में नियुक्ति के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष बीआइटी सिंदरी के निदेशक होंगे. बीआइटी सिंदरी के संबंधित विभाग के प्राध्यापक कमेटी के सदस्य सचिव होंगे, जबकि आइआइटी (आइएसएम) धनबाद के निदेशक द्वारा मनोनीत प्राध्यापक, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा मनोनीत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति का एक प्रतिनिधि व विषय से संबंधित दो-दो प्राध्यापक कमेटी के सदस्य होंगे. वहीं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के गठित कमेटी के अध्यक्ष तकनीकी शिक्षा निदेशक होंगे, जबकि कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा मनोनीत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति का एक प्रतिनिधि, उप निदेशक तकनीकी शिक्षा, विभाग के एक प्रतिनिधि, विषय से संबंधित दो-दो प्राध्यापक या सह प्राध्यापक व सचिव द्वारा नामित पॉलिटेक्निक कॉलेज का एक प्राचार्य कमेटी के सदस्य होंगे. रिक्त पदों में से 50 फीसदी पद पर कैंपस सेलेक्शन से शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.
इसके लिए अलग से कमेटी गठित की जायेगी. इंजीनियरिंग कॉलेजों में नियुक्ति के आइआइएससी, आइआइटी में एमटेक, पीएचडी योग्यता वाले विद्यार्थियों का कैंपस सेलेक्शन किया जायेगा. पॉलिटेक्निक कॉलेजों के लिए बीआइटी सिंदरी, बीआइटी मेसरा, नीटस के बीटेक/एमटेक योग्यता वाले विद्यार्थियों का सेलेक्शन किया जायेगा. कैंपस सेलेक्शन के लिए गठित कमेटी अपनी अनुशंसा नियुक्ति के लिए गठित चयन समिति को उपलब्ध करायेगी.
स्थायी नियुक्ति नहीं होने पर मिल सकता है एक अवधि विस्तार
इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के प्रथम चरण में अधिकतम तीन वर्ष या स्थायी नियुक्ति होने तक (दोनों में से जो पहले हो) के लिए किया जायेगा. इस दौरान नियमित नियुक्ति नहीं होने की स्थिति में अधिकतम एक वर्ष के लिए अवधि विस्तार मिल सकता है. इसके लिए विभागीय मंत्री का अनुमोदन आवश्यक है. कांट्रैक्ट पर नियुक्त शिक्षकों को प्रत्येक वर्ष 12 आकस्मिक अवकाश देय होगा. इसके अलावा कोई अवकाश नहीं दिया जायेगा. योजना सह वित्त विभाग द्वारा संविदा कर्मियों के लिए स्वीकृत महंगाई भत्ता दिया जायेगा. कांट्रैक्ट पर नियुक्त शिक्षकों का तकनीकी शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा आवश्यकता अनुरूप एक से दूसरे संस्थान में स्थानांतरण किया जा सकेगा. विभाग द्वारा जारी संकल्प में कहा गया है कि यह नियुक्ति पूर्णत: अस्थायी होगी व किसी भी समय बिना पूर्व सूचना इनकी सेवा समाप्त की जा सकती है.
इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति होने तक कांट्रैक्ट पर शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. नियुक्ति प्रक्रिया अगस्त के प्रथम सप्ताह में शुरू होगा. 22 सितंबर तक इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. कांट्रैक्ट पर शिक्षकों की नियुक्ति चयन समिति द्वारा की जायेगी. इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेज के लिए अलग-अलग कमेटी गठित की जायेगी.
अजय कुमार सिंह, सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सह कौशल विकास विभाग