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वायु प्रदूषण: संकट, जवाब और एक्शन प्लान, पर्यावरण पर राजनीति से ऊपर उठ कर सोचें : सरयू

रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि राज्य के प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का विजन डॉक्यूमेंट तो ऐसा है कि इसको राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार मिल जाये. 2012 में यह बना था, 2017 तक इस पर कुछ नहीं हुआ है. श्री राय शनिवार को होटल बीएनआर में वायु प्रदूषण संकट, जवाब और एक्शन […]

रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि राज्य के प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का विजन डॉक्यूमेंट तो ऐसा है कि इसको राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार मिल जाये. 2012 में यह बना था, 2017 तक इस पर कुछ नहीं हुआ है. श्री राय शनिवार को होटल बीएनआर में वायु प्रदूषण संकट, जवाब और एक्शन प्लान विषय पर आयोजित एक दिनी कार्यशाला में बोल रहे थे.

इसका आयोजन लीगल इंसियेटिव फॉर फॉरेस्ट एंड इनवायरमेंट (लाइफ) और युगांतर भारती ने मिलकर किया. श्री राय ने कहा कि लोग अमेरिका की तरह जीवन चाहते हैं. पूरी दुनिया को इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए छह पृथ्वी चाहिए. हमारी प्रकृति की एक सीमा है. तकनीकी का कोई विरोध नहीं है. इससे समस्या कम से कम होनी चाहिए. जिन चीजों को हमने बनाया है, उसको लेकर श्रद्धा तो होती है, लेकिन जिसे हमने नहीं बनाया है, उसको लेकर भी श्रद्धा होनी चाहिए. इसमें एक वायु भी है. ईश्वर ने जो दिया है, उसे संभाल कर रखने की जिम्मेदारी हमारी है. पर्यावरण पर राजनीति से ऊपर उठ कर सोचना चाहिए.
प्रदूषण पर शासन की सोच सीमित
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ऋत्विक दत्ता ने कहा कि प्रदूषण को लेकर शासन की सोच सीमित है. सरकार दिल्ली की सोचती है, पूरे देश की नहीं. दिल्ली से जब डीजल गाड़ी हटायी गयी, तो बगल के राज्य में चलाने की अनुमति कैसे मिल गयी. दिल्ली के बाद दूसरा सबसे प्रदूषित शहर पटना है. सरकार ने कई ऐसे नियम बनाये हैं, जो एक-दूसरे में फिट नहीं बैठते हैं. वायु प्रदूषण फैलाने वालों पर डेढ़ साल कारावास की सजा है, लेकिन आज तक एक भी शिकायत एसडीओ के यहां नहीं हुई. इस मामले में आज तक किसी को सजा भी नहीं मिली. इनवायरोनिक्स ट्रस्ट के डॉ आर श्रीधर ने कहा कि आज का समय ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत पर विचार करने का है. कम खर्च में प्रदूषण जांचने वाली मशीन की जरूरत है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षदों को मजबूत करने की जरूरत है. मौके पर संस्था सीड की अंकिता ज्योति, ग्रीनपीस इंडिया के सुनील दाहिया, डॉ आरके सिंह, कंकना दास और आशीष शीतल ने भी विचार रखे.
मैनपावर की कमी से काम पर असर : पांडेय
राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ एके पांडेय ने कहा कि पर्षद के पास विजन तो है, लेकिन इसको पूरा करने के लिए मैनपावर की जरूरत है. मैन पावर की कमी के कारण काम पर असर पड़ रहा है. कई स्थानों पर आर्थिक परेशानी भी सामने आती है. इसके बावजूद पर्षद कई नया काम कर रही है. प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कड़ाई करने की कोशिश कर रही है. किसी भी उद्योग पर कार्रवाई करने से पहले पूरी व्यवस्था को समझना पड़ता है. वहां काम करने वाले लोगों के बारे में भी सोचना पड़ता है.

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