रांचीः पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति विश्वनाथ मिश्र व न्यायमूर्ति एपी सिन्हा को उनके पुस्तक लेखन के लिए चंद्र-रामेश्वर-कुमुद साहित्य सम्मान दिया गया है. सेंट्रल लाइब्रेरी हॉल में आयोजित सम्मान समारोह में वरिष्ठ पत्रकार बलबीर दत्त ने उन्हें शॉल, स्मृति चिह्न् व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया.
करीब 95 वर्षीय विश्वनाथ मिश्र को मैथिली में लिखी उनकी आत्मकथा तेहि नो दिवस: गत: तथा 92 वर्षीय एपी सिन्हा को उनकी कृति के लिए यह सम्मान मिला है. रांची उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) विक्रमादित्य प्रसाद ने अपने माता-पिता व बुआ की स्मृति में यह सम्मान शुरू किया है.
मौके पर बलबीर दत्त ने कहा कि आज न्यायालय समय के साथ चल रहे हैं. यह प्रसन्नता की बात है. आइपीएल व अन्य मामलों में कोर्ट के हस्तक्षेप व नियमन से यह बात साफ हो जाती है. मुख्य अतिथि रांची विवि के कुलपति ने कहा कि जस्टिस विक्रमादित्य का यह कार्यक्रम सामाजिक न्याय व सामाजिक दायित्व का अनूठा संगम है.
उन्होंने कहा कि न्याय मांगना आसान है, पाना मुश्किल. विशिष्ट अतिथि अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि आत्मकथा लेखन का काम खुद को संपादित करने जैसा है.