रांची: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि झारखंड में कानून व्यवस्था फेल हो चुकी है. दिन-दहाड़े घटनाएं हो रही हैं. इस पर रोक लगा पाने में पुलिस-प्रशासन फेल है. रांची भी क्राइम कैपिटल बन गयी है. लालू प्रसाद गुरुवार को मोरहाबादी स्थित राजकीय अतिथिशाला में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि रांची आने का मुझे लाभ मिल रहा है. झारखंड में बिखरे विपक्ष को एकजुट करने का अवसर मिल रहा है. इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जीत के लिए बधाई दी है. उन्होंने कहा कि श्री कोविंद को देश की एकता व अखंडता को अक्षुण्ण रखने की बड़ी जिम्मेवारी मिली है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह एक विचारधारा की लड़ाई थी. इस वजह से मीरा कुमार को लड़ना था.
लालू प्रसाद की अोर से सेवानिवृत्त एएसपी शशिभूषण शर्मा ने दी गवाही
रांची. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री अौर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने गुरुवार को चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में सीबीआइ कोर्ट में हाजिरी दी. ये मामले आरसी 64ए/96, आरसी 38ए/96, आरसी 68ए/96 अौर आरसी 47ए/96 हैं. इनमें से दो मामले आरसी 64ए/96 अौर आरसी 68ए/96 में लालू प्रसाद की अोर से गवाही दर्ज करायी गयी. उनकी अोर से पटना के सेवानिवृत्त एएसपी शशिभूषण शर्मा की गवाही दर्ज करायी गयी. लालू प्रसाद गुरुवार को 10:47 बजे अदालत पहुंचे. सबसे पहले वह सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में उपस्थित हुए. यहां पर उन्होंने आरसी 64ए/96 अौर आरसी 38ए/96 मामले में हाजिरी दी. इसके बाद वह सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में आरसी 47ए/96 मामले में उपस्थित हुए. फिर लालू सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत में आरसी 68ए/96 मामले में हाजिर हुए. गवाही खत्म होने के बाद 12:36 बजे वह स्टेट गेस्ट हाउस की अोर निकल गये. लालू प्रसाद को शुक्रवार को भी अदालत में हाजिर होना पड़ेगा.
जब लालू जी ने सरेंडर किया, तो मैं भी मौजूद था : शशिभूषण शर्मा
सेवानिवृत्त एएसपी शशिभूषण शर्मा ने अपनी गवाही में बताया कि वह 1997 में पटना में डीएसपी के पद पर कार्यरत थे. पटना के सचिवालय अनुमंडल थाना उनके क्षेत्राधिकार में आता था. उन्होंने गवाही में कहा कि 25/7/97 को लालू प्रसाद की गिरफ्तारी की सूचना मिली थी. हालांकि कोर्ट से स्टे मिलने के बाद गिरफ्तारी रुक गयी थी. 30/7/97 को लालू प्रसाद ने स्वयं दिन के 10 से 10:30 बजे के बीच न्यायालय में सरेंडर किया था. उस समय मैं भी मौजूद था.