उसने मातृत्व अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. जिसे विभागाध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया था, लेकिन अब जब परीक्षा में बैठने की अनुमति मांगी गयी, तो यह कह कर लौटा दिया गया कि छात्रा ने एक भी कक्षा नहीं की है, इसलिए विवि नियमानुसार परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिल सकती है.
छात्रा के पति ने कहा है कि उनकी पत्नी गोद में बच्चा लेकर परीक्षा बैठने की अनुमति लेने विभागाध्यक्ष डॉ समिता डे के पास गयी, तो उसे अपमानित किया गया. इधर, विभागाध्यक्ष ने स्पष्ट किया है कि छात्रा ने एक भी कक्षा नहीं की है अौर रेगुलर सेमेस्टर में ही परीक्षा में बैठने देने का दबाव दे रही है. उससे सिर्फ यही कहा गया था कि नियमानुसार कक्षा में उपस्थिति अावश्यक है. इसके बावजूद भी अगर कुलपति/परीक्षा नियंत्रक परीक्षा में बैठने की अनुमति दे देते हैं, तो विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी.