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पांच दर्जन से अधिक स्टोन माइंस के लाइसेंस लंबित

रांची : पिछले छह माह से डिस्ट्रिक्ट इनवायरमेंट असेसमेंट कमेटी(डीइएसी) की बैठक नहीं हो रही है. इस कारण रांची और खूंटी जिले में पांच दर्जन से अधिक स्टोन व ग्रेनाइट माइंस बंद हैं, जबकि खान विभाग के नियमानुसार 180 दिनों में पर्यावरण स्वीकृति देनी है. जिलों में डीसी की अध्यक्षता में बनी कमेटी की बैठक […]

रांची : पिछले छह माह से डिस्ट्रिक्ट इनवायरमेंट असेसमेंट कमेटी(डीइएसी) की बैठक नहीं हो रही है. इस कारण रांची और खूंटी जिले में पांच दर्जन से अधिक स्टोन व ग्रेनाइट माइंस बंद हैं, जबकि खान विभाग के नियमानुसार 180 दिनों में पर्यावरण स्वीकृति देनी है. जिलों में डीसी की अध्यक्षता में बनी कमेटी की बैठक ही नहीं हो रही है. स्टोन माइंस संचालक पसोपेश में है कि अब वित्तीय वर्ष का चार माह बीत चुका है, लेकिन इस पर कोई फैसला ही नहीं हो रहा है.
जेएसएमडीसी का ग्रेनाइट माइंस भी फंसा
सरकार के इस नियम से सरकार के ही माइंस संकट में आ गये हैं. झारखंड राज्य खनिज विकास निगम(जेएसएमडीसी) के चेलांगी ग्रेनाइट माइंस की पर्यावरण स्वीकृति का आवेदन दिसंबर 2016 में ही दिया गया है, पर आज तक खूंटी में डीइसी की बैठक नहीं होने के कारण ग्रेनाइट माइंस बंद है. इसी माइंस से ग्रेनाइट लाकर जेएसएमडीसी तुपुदाना स्थित अपने प्लांट में इसे विकसित करता है. इधर, पर्यावरण स्वीकृति न मिलने से खूंटी के माइंस के साथ-साथ रांची के तुपुदाना स्थित प्लांट भी बंद है. दूसरी पत्थर खदानों की भी यही स्थिति है. पत्थर खदानों के खूंटी में 28 और रांची में 40 आवेदन जिला समिति के पास लंबित हैं. पर्यावरण स्वीकृति न होने की वजह से लीज भी नहीं हो रहा है. खदान व्यवसायी इस बात से आशंकित हैं कि नयी नियमावली से उनका आवेदन रद्द हो सकता है और खदान से हाथ धोना पड़ सकता है. डारी स्टोन माइंस के संचालक नितेश सारदा का कहना है कि सारे कागजात सही हैं. सारी प्रक्रिया हो चुकी है, पर पर्यावरण स्वीकृति देने के लिए जिला की कमेटी नहीं बैठ रही है.
क्या है खान विभाग का नियम
खान विभाग द्वारा 22 फरवरी 2017 को झारखंड लघु खनिज समानुदान(संशोधन) नियमावली 2017 की अधिसूचना जारी की गयी है. इसके तहत सरकारी क्षेत्र एवं पांच हेक्टेयर क्षेत्र से अधिक के रैयती क्षेत्र की खदानों को जिन्हें लेटर अॉफ इंटेंट जारी हो गया है, उन्हें 180 दिनों के अंदर पर्यावरण स्वीकृति एवं माइनिंग प्लान अनिवार्य रूप से समर्पित करना होगा, अन्यथा उनका आवेदन स्वत: अस्वीकृत हो जायेगा.

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