कहीं जर्जर कॉलेज, तो कहीं बदहाल छात्रावास, क्या यही है झारखंड में शिक्षा का हाल ?

रांची/बुंडू : सरकार ने चरणबद्ध तरीके से राज्य में 100 कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. 30 कॉलेजों में पठन-पाठन शुरू भी कर दिया है. नये कॉलेज बनाकर सरकार वाहवाही लूट रही लेकिन पुराने कॉलेजों की बदहाल स्थिति पर चुप्पी है.रांची कॉलेज का पीजी छात्रावास जहां अभी भी छात्र अपने जान दांव पर लगाकार रहने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 17, 2017 10:40 AM

रांची/बुंडू : सरकार ने चरणबद्ध तरीके से राज्य में 100 कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. 30 कॉलेजों में पठन-पाठन शुरू भी कर दिया है. नये कॉलेज बनाकर सरकार वाहवाही लूट रही लेकिन पुराने कॉलेजों की बदहाल स्थिति पर चुप्पी है.रांची कॉलेज का पीजी छात्रावास जहां अभी भी छात्र अपने जान दांव पर लगाकार रहने के लिए मजबूर हैं, तो दूसरी तरफ बुंडू में पीपीके कॉलेज का हाल भी कुछ ऐसा ही है. प्रयोगशाला व पुस्तकालय तो दूर की बात है, यहां तो विद्यार्थियों को बैठने के लिए भी समुचित कमरे ही नहीं हैं.

ये सिर्फ दो उदाहरण नहीं है ऐसे कई उदाहरण राज्य में भरे पड़े हैं. छत सहित दीवारों की हालत काफी खराब है. छत कभी भी गिर सकती है. इतना ही नहीं छात्रावास में बिजली, पेयजल व स्नान करने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है. छात्रों को स्नान करने के लिए बाहर जाना पड़ता है. सुरक्षा नहीं हैं. गेट टूटा हुआ है. प्रभात खबर डॉट कॉम ने पीजी छात्रावा के खराब हालात की खबर उस वक्त आप तक पहुंचायी थी जब नैक की टीम विवि के मुल्याकांन के लिए रांची में थी. आज भी स्थिति बदली नहीं है. छात्र उसी तरह खतरे में रह रहे हैं

बुंडू में पीपीके कॉलेज का हाल बुरा है विद्यालय में कुल 14 कमरे हैं. पर ऊपर के सात कमरे में पढ़ाई नहीं हो सकती. ऊपर के तीन कमरे की छत गिर गयी है. अन्य चार कमरों की स्थिति काफी जर्जर है. इस कारण इन्हें सील कर दिया गया है. ग्राउंड फ्लोर का भवन भी काफी जर्जर है. पंच परगना क्षेत्र में रांची विवि का यह एकमात्र कॉलेज है. कॉलेज में 11 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं.

विवि के अधिकारी इस कॉलेज का कई बार निरीक्षण भी कर चुके हैं. इसके बावजूद यहां की हालत में कोई बदलाव नहीं आया है. कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ जयराम महतो कहते हैं, क्षेत्र के एकमात्र डिग्री कॉलेज के प्रति सरकार उदासीन है. कुलपति को परिस्थिति से अवगत कराया जा चुका है. दर्जनों बार सांसद, मंत्री, विधायक व रांची विश्वविद्यालय प्रशासन के वरीय अधिकारी कॉलेज का दौरा करने पहुंचे, भवन के निर्माण का आश्वासन भी दिया, पर अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई.शिक्षा व्यवस्था में सुधार तभी संभव है जब छात्रों को पढ़ने और् रहने के लिए उचित व्यवस्था हो.

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