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पीसीसीएफ व सीसीएफ को सशरीर हाजिर होने का निर्देश

रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को अवमानना मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. वन विभाग के पीसीसीएफ व सीसीएफ को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया. अदालत ने वन विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताते हुए 27 जुलाई को सुनवाई के दाैरान उपस्थित रहने […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को अवमानना मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. वन विभाग के पीसीसीएफ व सीसीएफ को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया. अदालत ने वन विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताते हुए 27 जुलाई को सुनवाई के दाैरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया.

अदालत ने पूछा कि अब तक आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया है, उपस्थित होकर जवाब दें. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता ललन कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि एकल पीठ ने 12 सप्ताह के अंदर मृत सेवक के सभी आर्थिक लाभ का भुगतान करने तथा अनुकंपा के आधार पर आश्रित को नियुक्त करने का आदेश दिया था. जिला स्थापना समिति ने आश्रित को नियुक्ति करने पर सहमति दी. इसके बाद पीसीसीएफ ने भी अनुमोदन कर दिया, लेकिन नियुक्ति नहीं की गयी. सीसीएफ ने आठ सितंबर 2016 को भूतलक्षी प्रभाव से प्रार्थी के पति स्वर्गीय मो मुमताज की सेवा को नियमित करने का आदेश जारी किया.

19 सितंबर 2016 को सीसीएफ ने सेवा नियमित करने संबंधी अपने पूर्व के आदेश को वापस ले लिया. अधिवक्ता श्री सिंह ने बताया कि विभाग के अधिकारियों की नीयत ठीक नहीं है. अदालत ने प्रार्थी की दलील सुनने के बाद वन अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तिथि निर्धारित की गयी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रजिया बेगम ने अवमानना याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश का अनुपालन कराने का आग्रह किया है.

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