उल्लेखनीय है कि एटूजेड कंपनी ने कूड़ा-कचरा ढोने के मामले में दोपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन दिखा कर भुगतान प्राप्त किया था. नगर निगम के अधिकारियों ने कंपनी को भुगतान भी कर दिया. महालेखाकार की अॉडिट टीम ने गलत भुगतान करने का मामला पकड़ा था. इसके बाद पीएजी ने एटीआइआर 12-13/16, दिनांक 21.4.2015 के माध्यम से लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराते हुए इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा था.
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रांची नगर निगम को मिला दो सप्ताह का समय
रांची : पीपीपी मोड में ठोस कचरा प्रबंधन करनेवाली एटूजेड कंपनी को गलत भुगतान करने के मामले में रांची नगर निगम को दो सप्ताह का समय मिला है. लोकायुक्त की अदालत में नगर निगम की पीटिशन पर सुनवाई के दाैरान वादी की अोर से समय देने का आग्रह किया गया था. लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय […]
रांची : पीपीपी मोड में ठोस कचरा प्रबंधन करनेवाली एटूजेड कंपनी को गलत भुगतान करने के मामले में रांची नगर निगम को दो सप्ताह का समय मिला है. लोकायुक्त की अदालत में नगर निगम की पीटिशन पर सुनवाई के दाैरान वादी की अोर से समय देने का आग्रह किया गया था. लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय की अदालत ने वादी के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. वादी रांची नगर निगम ने पीटिशन दायर कर 13 जून को पारित आदेश को वापस लेने का आग्रह किया है.
लोकायुक्त की अदालत ने पीएजी की अोर से दायर परिवाद पर नगर निगम को एटूजेड कंपनी को गलत भुगतान करनेवाले जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था. इसके लिए 15 दिनों का समय दिया गया था. उक्त अवधि के दाैरान नगर निगम द्वारा जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी, बल्कि निगम ने पीटिशन दायर कर लोकायुक्त से अपने आदेश को वापस लेने का आग्रह किया.
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